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मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा है कि भले ही केंद्र म्यांमार के नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा नहीं दे सकता है, लेकिन वह उन्हें राहत प्रदान करने में हमारे साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि केंद्र भारत-म्यांमार सीमा के एक हिस्से पर बाड़ लगाने के क़दम को रद्द कर देगा.
केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व के चार राज्यों की भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था ख़त्म करने का फैसला लिया है. मिज़ोरम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि हम दोनों देशों के सीमा को स्वीकार नहीं कर सकते, इसके बजाय हम हमेशा एक प्रशासन के तहत एक राष्ट्र बनने का सपना देखते हैं.
मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एम. सनाजाउबा लेशेम्बा ने राज्यसभा में मणिपुर-म्यांमार सीमा विवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य पहले ही ज़मीन का बड़ा हिस्सा खो चुका है. अब भारत सरकार को इस मामले को म्यांमार के साथ राजनीतिक स्तर पर उठाना चाहिए.
मिज़ोरम के सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ्रंट से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने बताया कि फरवरी 2021 में म्यांमार में तख़्तापलट होने के बाद से राज्य सरकार ने लगभग तीस हज़ार शरणार्थियों को पंजीकृत किया है. हालांकि कई शरणार्थी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहे हैं, इसलिए उनका पंजीकरण नहीं हुआ है.