बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में बम विस्फोट समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुष्टि की है कि बेंगलुरु के कुंडलाहल्ली में एक लोकप्रिय रेस्तरां में हुए बम विस्फोट में नौ लोग घायल हुए हैं. एनडीटीवी के अनुसार, इससे पहले पुलिस ने पहले बताया था कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि द रामेश्वरम कैफे में विस्फोट का कारण क्या था. आतंकवाद रोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), बम दस्ते और फॉरेंसिक की एक टीम के कैफे पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि कैफे पर हमले में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया गया था. कैफे के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. पता चला है कि किसी ने कैफे में एक बैग छोड़ा था. घटना के आरोपियों को सजा दी जाएगी. उधर, कर्नाटक पुलिस प्रमुख आलोक मोहन ने बताया है कि नौ घायल लोगों का इलाज ब्रुकफील्ड अस्पताल में हुआ है और वे खतरे से बाहर हैं.

मणिपुर विधानसभा ने ‘राज्य की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए’ राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की मांग करते हुए इसके द्वारा अगस्त 2022 में अपनाए गए प्रस्ताव को दोहराया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज मणिपुर विधानसभा ने 5 अगस्त, 2022 को पारित हमारे प्रस्ताव की पुष्टि करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि मणिपुर में एनआरसी लागू करना हमारे राज्य के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और हमारे राष्ट्र की बेहतरी में योगदान देगा. ज्ञात हो कि कई छात्रों और आदिवासी निकायों, जो राज्य में अवैध रूप से रह रहे म्यांमार, बांग्लादेश और नेपाल के निवासियों का पता लगाने के लिए एनआरसी चाहते थे, की मांग के बाद मणिपुर विधानसभा ने पहली बार अगस्त, 2022 में एनआरसी लागू करने और जनसंख्या आयोग लेन का प्रस्ताव अपनाया था. हालांकि केंद्र ने दिसंबर 2019 में इनर लाइन परमिट प्रणाली शुरू की थी, जिसमें मणिपुर में बाहर से आने वाले लोगों को परमिट प्राप्त करना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह राज्य में पहले से ही अवैध प्रवासियों का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है.

पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने कहा कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. मंत्रालय ने कहा कि अपराध की आय को अवैध गतिविधियों में शामिल संस्थाओं द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक में रखे गए बैंक खातों के माध्यम से भेजा गया था. इसमें कहा गया है कि एफआईयू ने ऑनलाइन जुआ खेले जाने सहित कई अवैध कार्यों में लिप्त कुछ संस्थाओं और उनके कारोबारों के नेटवर्क के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से जानकारी मिलने पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की समीक्षा शुरू की थी. एफआईयू की यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी से ग्राहक खातों में नए डिपॉज़िट या क्रेडिट स्वीकार करने को मना करने का निर्देश देने के बाद आई है. इस समयसीमा को 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया है.

नगालैंड विधानसभा ने 1 मार्च को एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र से भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और पड़ोसी देश के साथ फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को खत्म करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. द हिंदू के अनुसार, उप मुख्यमंत्री वाई. पैटन द्वारा पेश और सदन द्वारा सर्वसम्मति से अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि एफएमआर को निलंबित करने और भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र के फैसले से अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले नगा लोगों के सदियों पुराने ऐतिहासिक, सामाजिक, आदिवासी और आर्थिक संबंध बाधित होंगे. इसमें यह भी कहा गया है कि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नगा लोगों को भारी असुविधा होगी क्योंकि नगालैंड के कई लोगों के पास सीमा पार कृषि भूमि है. विधानसभा ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के परामर्श से सीमा पार लोगों की आवाजाही के लिए नियम बनाने और नियमों की पूरी प्रणाली में संबंधित ग्राम परिषद अधिकारियों को उचित रूप से लाने के लिए केंद्र सरकार से अपील करने का भी संकल्प लिया. भारत-म्यांमार सीमा का 1,643 किलोमीटर का विस्तार चार उत्तर पूर्वी राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में फैला हुआ है. केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में एफएमआर को समाप्त कर दिया, जो भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक जाने की अनुमति देता है. इसी हफ्ते मिजोरम विधानसभा ने केंद्र के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है.

कैलिफोर्निया की एक फ़ेडरल अदालत ने इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म एनएसओ ग्रुप को इसके उत्पाद- पेगासस स्पायवेयर से संबंधित दस्तावेज वॉट्सऐप को सौंपने के लिए कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में वॉट्सऐप ने एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि मामले में एनएसओ और अन्य प्रतिवादियों ने इसके यूज़र्स पर निगरानी रखने के लिए लगभग 1,400 उपकरणों पर स्पायवेयर भेजने के लिए वॉट्सऐप सिस्टम का इस्तेमाल किया था. अब अदालत ने कहा है कि एनएसओ को कथित हमले के एक साल पहले और बाद की अवधि के लिए ‘सभी प्रासंगिक स्पायवेयर’- जिसने निशाना बनाई गई डिवाइस तक पहुंचने के लिए वॉट्सऐप या उसके बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल किया था-पेश करने होंगे. द गार्डियन अखबार के अनुसार, इनमें एनएसओ के पेगासस और अन्य स्पायवेयर उत्पादों के कोड शामिल हैं. वॉट्सऐप ने आरोप लगाया था कि हमला अप्रैल और मई 2019 के बीच हुआ, इसलिए एनएसओ को अप्रैल 2018 से मई 2020 तक की प्रासंगिक सामग्री तैयार करने का आदेश दिया गया. हालांकि, अदालत ने यह भी जोड़ा है कि एनएसओ को इसके ग्राहकों की पहचान या अपने सर्वर आर्किटेक्चर के बारे में जानकारी का खुलासा करने की जरूरत नहीं होगी.

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