बीते 1 अगस्त को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा केस की सुनवाई में कहा था कि राज्य में रखे लावारिस शव 'घुसपैठियों' के हैं. अब कुकी-हमार-ज़ोमी महिलाओं के फोरम ने कहा है कि देश के किसी नागरिक को बिना आधार के 'घुसपैठिया या अवैध प्रवासी' कहना गंभीर मामला है और अदालत को गुमराह करने के समान है.
संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को तैयार करने पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
साल हुआ, संसद ने एक झूठ पर मुहर लगाई. एक साल झूठ का, धोखाधड़ी, क्रूरता और हिंसा का. एक साल सच्चाई का, ईमानदारी, सद्भाव और अहिंसा का.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने न सिर्फ बोगस आधार पर नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने से मना किया बल्कि सूचना देने के लिए आरटीआई एक्ट, 2005 में तय की गई समयसीमा का भी उल्लंघन किया.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा संशोधित नागरिकता कानून पर सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और यह कानून बनाने वाली भारतीय संसद के संप्रभुता के अधिकार से संबंधित है.
असम एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के लगभग छह महीने बीतने के बाद राज्य के एनआरसी संयोजक हितेश देव शर्मा ने राज्य के सभी 33 ज़िलों के अधिकारियों से इस लिस्ट में शामिल हो गए 'अयोग्य' लोगों के नामों की जांचकर इसकी जानकारी देने को कहा है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में कहा कि संसद ने नागरिकता संशोधन कानून बनाकर महात्मा गांधी के विचारों का सम्मान किया है. हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए इसका कड़ा विरोध किया.
बयान में कहा गया है, ‘हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं. संविधान के बहुलवाद और विविध समाज के वादे के साथ भारतीय संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए उनके सामूहिक विरोध को सलाम करते हैं.’
अभिनेत्री नंदिता दास ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच गठित करने का संकेत दिया है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि इस क़ानून को लागू करने की प्रक्रिया को टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से पूछा कि जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में करोड़ों लोग धर्म के आधार पर मारे गए तब आप कहां थे?
नागरिकता संशोधन कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, 'देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए.'
शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने के लिए भाजपा द्वारा जारी टोल फ्री नंबर को नेटफ्लिक्स और विभिन्न ऑफर देने के लिए इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई थी.
भाजपा द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून को मिस्ड कॉल के ज़रिये समर्थन देने के लिए गुरुवार को एक मोबाइल नंबर जारी किया गया था, जिसे गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के विभिन्न नेताओं ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से साझा किया था. सामने आया है कि विभिन्न एकाउंट्स द्वारा लड़कियों से बात करवाने, मुफ़्त उपहार और ढेरों ऑफर पाने का दावा करते हुए इसी नंबर का इस्तेमाल किया गया है.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है और प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. लोकतंत्र में सहमति, असहमति बुनियादी सिद्धांत है. दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए.