हरियाणा चुनाव: क्यों बेरोज़गारी भाजपा की जीत की ‘हैट्रिक’ की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है

समय-समय पर जारी सरकारी रिपोर्टों, निजी संगठनों के श्रम बल के आंकड़ों और रोज़गार बाजार के रुझानों से विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, को यह विश्वास मिला है कि बेरोज़गारी का मुद्दा उठाकर वह भाजपा को सत्ता में वापसी करने से रोक सकते हैं.

सरकारी कर्मचारियों की ओपीएस बहाली की मांग के बीच सरकार यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम लाई

इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि इस सरकार की यूनिफाइड पेंशन योजना से 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी.

खुदरा महंगाई दर चार महीने और खाद्य महंगाई दर नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचीं

उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 9.36 प्रतिशत हो गई, जो मई में 8.69 प्रतिशत और एक साल पहले की समान अवधि में 4.55 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में खाद्य महंगाई दर में अधिक वृद्धि देखी गई.

देश के मूल आर्थिक मुद्दों पर भी गौर करें पीएम, अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ बंद होना चाहिए: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने पीआर का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा पर जून 2024 के बाद अब ऐसा नहीं चलेगा, जनता अब हिसाब मांग रही है. 

‘मेन मुद्दा बेरोजगारी बा, महंगाई आसमान छुअत बा, पांच सौ रुपया मजदूरी भी कम पड़त बा’

ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.

अप्रैल में खाद्य महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर, ग्रामीण उपभोक्ता अधिक प्रभावित

ग्रामीण परिवारों ने अप्रैल में क़ीमतों में 5.43% की वृद्धि देखी, वहीं शहरी उपभोक्ताओं को मार्च के मुक़ाबले अप्रैल में मामूली बदलाव का सामना करना पड़ा. मार्च में उनके लिए क़ीमतों में वृद्धि 4,14% थी, जो अप्रैल में 4.11% रही.

विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘जुमला पत्र’ क़रार दिया, कहा- खोखले शब्दों की हेराफेरी

विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि इसका नाम 'माफ़ीनामा' रखा जाना चाहिए. भाजपा ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन हक़ीक़त यह है कि आज किसानों की आय घट गई है और क़र्ज़ दोगुना हो गया है.

सरकारी घरेलू व्यय रिपोर्ट पर सवाल: ग़रीबी रेखा का अता-पता नहीं तो कैसे 5% से कम हुई ग़रीबी?

वीडियो: हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू व्यय सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए ने यह दावा किया कि भारत में महज 5% से कम ग़रीबी रह गई है. जानकारों ने इस दावे के साथ सर्वे की मेथाडोलॉजी पर भी सवाल तो उठाए हैं. क्या इस सर्वे के आंकड़े विश्वसनीय हैं? इस बारे में वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार वी. श्रीधर से अजय कुमार की बातचीत.

बजट 2024: मोदी सरकार का हाथ बड़े उद्योगों के साथ, मध्यम वर्ग की कमर टूटी

वीडियो: मोदी सरकार के अंतरिम बजट को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर दीपांशु मोहन.

क्या आज के सत्ताधारी राम राज्य बना सकते हैं?

राम राज्य अपने आप नहीं आएगा, इसके लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रयास करने होंगे. सभी के लिए न्याय चाहिए होगा. लिंग, जाति, समुदायों के बीच समता लानी होगी. सभी के लिए उचित कमाई वाले रोज़गार, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं और माहौल चाहिए होगा. लेकिन सिर्फ राम का आह्वान करने से ये नहीं होगा.

राम राज्य में किस तरह की अर्थव्यवस्था होनी चाहिए?

वीडियो: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतरिम बजट और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार से बात कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.

आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, एमएसपी पर 2023 में कैसी रही मोदी सरकार की नीति?

वीडियो: साल 2023 में आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, खेती-किसानी, एमएसपी पर मोदी सरकार की अर्थनीति क्या रही है? द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि देश की सत्ता पर क़रीब 10 साल से क़ाबिज़ मोदी सरकार के तहत ज़्यादातर लोगों के जीवन में कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं आया है.

पीएम मोदी की नीतियों के चलते जारी बेरोज़गारी संसद की सुरक्षा में सेंध का कारण: राहुल गांधी

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस घटना को लेकर कम से कम छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

संसद की सुरक्षा में चूक या भारत की भीषण बदहाली: बड़ा सवाल क्या है?

वीडियो: उन नौजवानों की ज़िंदगी और परिवारवालों की बात, जिन्होंने बीते 13 दिसंबर को संसद में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जताया. द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि इस पूरे मामले को केवल संसद की सुरक्षा में चूक तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए, बल्कि नौजवानों कहानी बताती है कि यह मामला भारत की भीषण बदहाली से जुड़ा हुआ है.

संसद सुरक्षा चूक: पुलिस का दावा- आरोपी फेसबुक पर मिले, जनवरी में योजना बनाकर संसद की रेकी की थी

बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.

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