विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘जुमला पत्र’ क़रार दिया, कहा- खोखले शब्दों की हेराफेरी

विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि इसका नाम 'माफ़ीनामा' रखा जाना चाहिए. भाजपा ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन हक़ीक़त यह है कि आज किसानों की आय घट गई है और क़र्ज़ दोगुना हो गया है.

सरकारी घरेलू व्यय रिपोर्ट पर सवाल: ग़रीबी रेखा का अता-पता नहीं तो कैसे 5% से कम हुई ग़रीबी?

वीडियो: हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू व्यय सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए ने यह दावा किया कि भारत में महज 5% से कम ग़रीबी रह गई है. जानकारों ने इस दावे के साथ सर्वे की मेथाडोलॉजी पर भी सवाल तो उठाए हैं. क्या इस सर्वे के आंकड़े विश्वसनीय हैं? इस बारे में वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार वी. श्रीधर से अजय कुमार की बातचीत.

बजट 2024: मोदी सरकार का हाथ बड़े उद्योगों के साथ, मध्यम वर्ग की कमर टूटी

वीडियो: मोदी सरकार के अंतरिम बजट को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर दीपांशु मोहन.

क्या आज के सत्ताधारी राम राज्य बना सकते हैं?

राम राज्य अपने आप नहीं आएगा, इसके लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रयास करने होंगे. सभी के लिए न्याय चाहिए होगा. लिंग, जाति, समुदायों के बीच समता लानी होगी. सभी के लिए उचित कमाई वाले रोज़गार, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं और माहौल चाहिए होगा. लेकिन सिर्फ राम का आह्वान करने से ये नहीं होगा.

राम राज्य में किस तरह की अर्थव्यवस्था होनी चाहिए?

वीडियो: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतरिम बजट और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार से बात कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.

आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, एमएसपी पर 2023 में कैसी रही मोदी सरकार की नीति?

वीडियो: साल 2023 में आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, खेती-किसानी, एमएसपी पर मोदी सरकार की अर्थनीति क्या रही है? द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि देश की सत्ता पर क़रीब 10 साल से क़ाबिज़ मोदी सरकार के तहत ज़्यादातर लोगों के जीवन में कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं आया है.

पीएम मोदी की नीतियों के चलते जारी बेरोज़गारी संसद की सुरक्षा में सेंध का कारण: राहुल गांधी

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस घटना को लेकर कम से कम छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

संसद की सुरक्षा में चूक या भारत की भीषण बदहाली: बड़ा सवाल क्या है?

वीडियो: उन नौजवानों की ज़िंदगी और परिवारवालों की बात, जिन्होंने बीते 13 दिसंबर को संसद में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जताया. द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि इस पूरे मामले को केवल संसद की सुरक्षा में चूक तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए, बल्कि नौजवानों कहानी बताती है कि यह मामला भारत की भीषण बदहाली से जुड़ा हुआ है.

संसद सुरक्षा चूक: पुलिस का दावा- आरोपी फेसबुक पर मिले, जनवरी में योजना बनाकर संसद की रेकी की थी

बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.

‘अगर एक आशा कार्यकर्ता 4,000 रुपये में गुज़ारा कर सकती है, तो हमारे प्रधानमंत्री क्यों नहीं’

अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में 26 राज्यों से आईं महिलाओं ने आशा कार्यकर्ताओं के कम वेतन, बढ़ती महंगाई, मणिपुर में महिलाओं के ख़िलाफ़ बर्बर हिंसा, पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार की तीखी आलोचना की.

मोदी सरकार के ‘विकास’ मॉडल में ग़रीब रोटी को तरस रहा है और पूंजीपति रईस हो रहे हैं

2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था बेतहाशा महंगाई और आय असमानता का सामना कर रही है. बढ़ती महंगाई अकेले बाज़ार ताक़तों के चलते नहीं है, बल्कि यह उस सरकारी रवैये का नतीजा है जहां एक वर्ग को दूसरे पर प्राथमिकता दी जाती है.

शाकाहारी थाली की लागत में 34% की बढ़ोतरी, टमाटर के बढ़े हुए दाम बने कारण: रिपोर्ट

क्रिसिल की एक रिपोर्ट बताती है कि जुलाई माह में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ीं. शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर के दाम रहे.

केंद्र ने जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नागरिक संहिता की ‘गुगली’ डाली है: सचिन पायलट

कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के संबंध में कहा है कि संसद या स्थायी समिति में इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इसे सिर्फ़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘राजनीतिक टूल’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

क्या मोदी सरकार ने 9 साल में जनता के साथ किए गए वादों को पूरा किया?

वीडियो: टमाटर के भाव 140 रुपये तक चले गए हैं, वहीं रसोई गैस के दाम 1100 रुपये के ऊपर पहुंच गया है. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से महंगाई पर लगाम लगाने का वादा किया था. इस वादे को लेकर द वायर की टीम ने दिल्ली की जनता से राय जानी.

दो हज़ार रुपये के नोट और आंशिक नोटबंदी के पीछे का रहस्य

भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से दो हज़ार रुपये मूल्यवर्ग के नोट को वापस लेने के निर्णय को सही ठहराने के लिए जो भी तर्क दिए गए हैं, उनमें से कोई भी मान्य नहीं है.

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