क्या मोदी का 2004 से 2014 की अवधि को ‘बर्बाद दशक’ कहने का दावा सही है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 2004 से 2014 के दशक को 'लॉस्ट डेकेड' कहा था. यह पद अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में न के बराबर बढ़ोतरी को लेकर चलन में रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री ने भारत में जिस दशक के लिए इसे इस्तेमाल किया, उससे जुड़े आंकड़े इस अर्थ के विपरीत तस्वीर दिखाते हैं.

सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई गई रोक एक साल के लिए बढ़ाई

सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हो रहा है: वित्त मंत्री सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से रुपये की मज़बूती को लेकर अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा कि डॉलर लगातार मज़बूत हो रहा है. इसलिए तय है कि मज़बूत होते डॉलर के सामने बाकी सभी मुद्राएं कमज़ोर प्रदर्शन करेंगी.

आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत किया

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.

बीते एक साल में आटे की खुदरा क़ीमत 19 फीसदी तक बढ़ी, चावल के दामों में भी 8 फीसदी की वृद्धि

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा देश भर से एकत्र खुदरा और थोक क़ीमतों के आंकड़े दिखाते हैं कि गेहूं के खुदरा दामों में भी 14 फीसदी की वृद्धि हुई है. वहीं, देश में प्राकृतिक गैस के दाम में 40 फीसदी की रिकॉर्ड वृद्धि के बाद पाइपलाइन गैस और सीएनजी के दाम बढ़ने की संभावना है, जो बीते एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं.

गैस, ईंधन की बढ़ी क़ीमतों से ध्यान हटाने के लिए नफ़रत और हिंसा फैला रही है भाजपा: राहुल गांधी

भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि देश हर रोज़ ईंधन के दामों में भारी वृद्धि देख रहा है. भारत में जनता से अधिकाधिक पैसे लेकर चंद उद्योगपतियों को दिए जा रहे हैं. सच्चाई यही है कि भाजपा द्वारा फैलाई जा रही हिंसा और नफ़रत इन बातों से ध्यान भटकाने के लिए है.

रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.

देश को बांटना बंद करें, विभाजनकारी गतिविधियों पर रोक का प्रयास करे सरकार: गोदरेज अध्यक्ष

गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर इसे एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.’

क्या केंद्र की सहमति के बिना चलने वाली कोई भी कल्याणकारी योजना ‘फ्रीबीज़’ कही जाएगी

भारतीय मध्यवर्ग अक्सर ग़रीबों को दी जाने वाली मुफ़्त सुविधाओं/कल्याणकारी योजनाओं की आलोचना करता है, लेकिन मुफ़्त सुविधा या फ्रीबी और कल्याणकारी योजनाओं के बीच अंतर तब जटिल हो जाता है जब राजनीतिक दल अपने-अपने हित के हिसाब से व्याख्याएं पेश करते हैं.

बढ़ती क़ीमतें नियंत्रित करने के लिए अब गेहूं के आटे के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई

इससे पहले मई महीने में सरकार ने घरेलू स्तर पर बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. एक सरकारी बयान के अनुसार, इस निर्णय के बाद गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया है.

तानाशाह सरकार के ख़िलाफ़ ‘करो या मरो’ जैसे आंदोलन की ज़रूरत: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' के वर्षगांठ पर कहा कि अब समय आ गया है जब अन्याय के ख़िलाफ़ बोलना ही होगा. वहीं, कांग्रेस ने ईडी द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले दिनों समन किए जाने को संसद तथा सांसदों का ‘घोर अपमान’ बताया और कहा कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा फिर न हो.

संसद में महंगाई पर बहस: विपक्ष और वित्त मंत्री सेब की तुलना संतरे से कर रहे हैं

संगठित क्षेत्र के प्रदर्शन के आधार पर अर्थव्यवस्था के सार्वभौमिक और व्यापक पुनरुद्धार का दावा करना बेहद भ्रामक है.

पीएम मोदी 80 करोड़ ग़रीबों को फ्री-फंड का खाना दे रहे हैं, उन्हें बधाई देनी चाहिए: निशिकांत दुबे

लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जीडीपी को नकारते हुए कहा कि जीडीपी का इस देश के लिए कोई मतलब नहीं. भविष्य में इसका कोई बहुत ज़्यादा उपयोग नहीं होगा. उन्होंने देश में किसान आत्महत्या से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या नहीं कर रहे हैं. हमने किसानों को इतनी ताकत दी है कि आज वे सरकार के ख़िलाफ़ भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं.

विपक्ष को महंगाई नहीं मिल रही क्योंकि महंगाई है ही नहीं: भाजपा सांसद जयंत सिन्हा

भाजपा नेता और झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद जयंत सिन्हा ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग़रीबों की थाली खाने से भरी हो और लोगों को कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के कारण महंगाई के प्रभाव से बचाया जाए.

2024 में किस चेहरे के साथ आम चुनाव में उतरेगा विपक्ष?

वीडियो: मानसून सत्र के दौरान पूरा विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहा है जिसमें महंगाई भी एक अहम मुद्दा है. आरबीआई, चुनाव आयोग, सीबीआई जैसे कई और मसलों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत. 

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