एक आरटीआई आवेदन के जवाब से ख़ुलासा हुआ है कि 2013 में आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत केंद्र सरकार ने वेबसाइट और ऑनलाइन पोस्ट ब्लॉक करने के 62 आदेश जारी किए थे, जबकि 2023 में अक्टूबर माह तक 6,954 ऐसे आदेश जारी किए गए.
स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.
सीजेआई उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों, गृह सचिवों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल को धारा 66ए के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के मामले में कोई आपराधिक शिकायत दर्ज न करने दें.
मार्च 2015 में आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दी थी, जिसके तहत आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने पर तीन साल तक की क़ैद और जुर्माने का प्रावधान था. सुप्रीम कोर्ट पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ की उस याचिका को सुन रहा है, जिसमें बताया गया है कि अब भी राज्यों द्वारा इस धारा के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं.
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69ए के तहत की गई है. फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने के लिए 2021-22 के दौरान 94 यूट्यूब चैनल, 19 सोशल मीडिया खातों और 747 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक कर दिया है.