मामला तमिलनाडु के चेन्नई का है. मद्रास विश्वविद्यालय के एक दलित पीएचडी स्कॉलर को यहीं पढ़ने वाली छात्रा से प्रेम हो गया, जो कि ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. छात्रा ने अपने परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शादी कर ली तो उनके पिता ने युवक पर केस दर्ज करा दिया. फिलहाल उन्हें रिहा कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में बीते 18 अप्रैल को हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों के एक समूह ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर इस युवक-युवती को घेर लिया था और युवक पर लव जिहाद का आरोप लगाया था. बाद में वाहिनी के सदस्यों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए दोनों को पुलिस को सौंप दिया था.
गुजरात के बनासकांठा ज़िले में पालनपुर के निवासी मुस्लिम युवक ने पिछले साल दिसंबर के अंत में उसी क़स्बे में रहने वाली हिंदू युवती से शादी की थी. युवती के पिता ने परिवार की मर्ज़ी के बिना शादी करने की वजह से मामले में केस दर्ज कराया था.
एक युवक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि वे जिस युवती से विवाह करना चाहते हैं, उसके परिजन दोनों के अलग धर्मों के चलते इसके ख़िलाफ़ हैं और युवती को ज़बरदस्ती अपने साथ ले गए हैं. अदालत ने युवती से बात करने के बाद कहा कि वे बालिग हैं और अपनी इच्छा के अनुरूप शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं.