इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जान की सुरक्षा की मांग करने वाले आठ हिंदू-मुस्लिम जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं को इस आधार पर ख़ारिज कर दिया है कि उनकी शादियां उत्तर प्रदेश ग़ैरक़ानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के अनुपालन में नहीं थीं. याचिकाकर्ता पांच मुस्लिम पुरुषों ने हिंदू महिलाओं और तीन हिंदू पुरुषों ने मुस्लिम महिलाओं से शादी की थी.