अफ़ग़ानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के क़ब्ज़ा जमाने के बाद राजधानी काबुल स्थित हवाईअड्डे पर देश छोड़कर जाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. इस दौरान बृहस्पतिवार को हवाईअड्डे और नज़दीक के एक होटल पर दो भयावह आत्मघाती हमले हुए हैं, जिसमें कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 95 अफ़ग़ान नागरिक और 13 अमेरिकी शामिल हैं. हमले के बाद शुक्रवार को देश से बाहर जाने वालों के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई
ये धमाके राजधानी काबुल के पश्चिम में स्थित शिया बहुल इलाके दश्त-ए-बारची में हुए हैं. इन हमलों में हाज़रा समुदाय को निशाना बनाया गया, जहां ये धमाके किए गए वहां अधिकांश हाज़रा शिया मुसलमान हैं. पिछले महीने अमेरिका और नाटो सैनिकों द्वारा इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से निकलने की घोषणा के बाद यह हमला किया गया है.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम का मामला उठाते हुए कहा कि वह पड़ोसी देश में पनाह लिए हुए है और पड़ोसी देश हथियारों की तस्करी और नारकोटिक्स कारोबार का हब बन गया है.
बलूचिस्तान प्रांत के मासतुंग क्षेत्र में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता सिराज रायसानी की रैली को निशाना बनाया. दोनों हमलों में 150 से अधिक लोग घायल. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली ज़िम्मेदारी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तेलगांना सरकार और राज्य की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.