वीडियो: बांग्लादेश में वैष्णव संत चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तारी के बाद भारत के कई हिस्सों, खासकर पूर्वोत्तर और बंगाल में प्रदर्शन हुए हैं, और हिंदुओं के सुरक्षित न रहने के दावे किए जा रहे हैं. इस बारे में द वायर की संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार कल्लोल भट्टाचार्य के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
25 नवंबर को ढाका में गिरफ़्तार चिन्मय कृष्ण को अदालत ने राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लेने का आदेश दिया था. उन पर बांग्लादेशी ध्वज के अपमान का भी आरोप है. बांग्लादेश इस्कॉन ने उन्हें निलंबित करते हुए कहा है कि वो चिन्मय कृष्ण के बयानों या भाषणों की ज़िम्मेदारी नहीं लेगा.
बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू नेता और पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत के विरोध में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के दौरान एक वकील की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने हत्या की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने हाल ही में एक वीडियो में आरोप लगाया था कि इस्कॉन देश का सबसे बड़ा धोखेबाज़ संगठन है, जो अपनी गोशालाओं से गायों को कसाइयों को बेच देता है. संगठन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि हमने इस्कॉन के ख़िलाफ़ पूरी तरह से निराधार आरोप लगाने के लिए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है.
भाजपा सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी एक वायरल वीडियो में ‘इस्कॉन’ पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहती नज़र आती हैं कि गोशाला चलाने के लिए संगठन को सरकार से दुनिया भर का फायदा मिलता है, लेकिन मेरे दौरा करने पर उनकी गोशाला में एक भी कमज़ोर गाय या बछड़ा नहीं पाया गया, सभी दुधारू गाय थीं. ‘इस्कॉन’ ने उनके बयान को ‘अप्रमाणित’ और ‘झूठा’ बताया है.