पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के नए सभापति के रूप में वह वेंकैया नायडू का स्थान लेंगे. धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग के प्रत्याशी के तौर पर संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था.
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को पराजित किया. धनखड़ को कुल 528 मत मिले, जबकि अल्वा को सिर्फ 182 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन देने से विपक्षी खेमे को बल मिला, लेकिन निर्वाचक मंडल के आंकड़ों के अनुसार, संख्या बल अब भी एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के पक्ष में है. उपराष्ट्रपति चुनाव 6 अगस्त को होना है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की ओर से कहा गया है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर मार्गरेट अल्वा का नाम अन्य विपक्षी दलों ने एकतरफा ढंग से तय किया है. पार्टी ने कहा है कि वह अल्वा के ख़िलाफ़ नहीं है और कभी भी इस पद के लिए राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेगी, लेकिन उसने चुनाव से अनुपस्थित रहने का सैद्धांतिक फैसला किया है.
पांच बार संसद सदस्य रहीं मार्गरेट अल्वा केंद्र में मंत्री रहने के अलावा गोवा और राजस्थान की राज्यपाल भी रह चुकी हैं. भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है.
जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से जगदीप धनखड़, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहे हैं. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल से मामले के काग़ज़ात और गिरफ़्तार लोगों को सीबीआई के सुपुर्द करने को कहा. बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में 22 मार्च को पंचायत स्तर के टीएमसी नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद क़रीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी.
पश्चिम बंगाल में पहले वाम हिंसा का बोलबाला था, वही संस्कृति तृणमूल ने अपनाई. तृणमूल ने वाम हिंसा का सामना किया था, पर उसकी जगह अब उसने तृणमूल हिंसा स्थापित कर दी. दल भले बदल गए, लेकिन हिंसा बनी हुई है.
बीरभूम ज़िले के बोगतुई गांव में 22 मार्च को पंचायत स्तर के टीएमसी नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद क़रीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. इसे लेकर विपक्षी भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा है, वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि हिंसा की ऐसी घटनाएं पेट्रोल और अन्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए रची गई
पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट का मामला. पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के एक घंटे के भीतर हुई है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल हिंसा की संस्कृति की गिरफ़्त में है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
निर्वाचन आयोग ने ओडिशा में एक और पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने की शनिवार को घोषणा की. इनमें पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट भी शामिल है, जहां से मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की संभावना है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने ऑनलाइन हुई ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेन्स में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से शिकायत की है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा उनके अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप किया जा रहा है.
राष्ट्रीय महासचिव का पद तृणमूल कांग्रेस में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है. इसके अलावा संगठन में कई अन्य बदलाव किए गए हैं, जिसमें सांसद काकाली घोष दस्तीदार को महिला इकाई का प्रमुख बनाया गया और अभिनेत्री से नेता बनीं सायोनी घोष को युवा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया. वहीं प्रवक्ता कुणाल घोष को पार्टी की राज्य समति का महासचिव नियुक्त किया गया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि पद संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 स्थिति से निपटने की होगी. उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद प्रदेश में जारी हिंसा के मद्देनज़र लोगों शांति बरतने की भी अपील की. देश में आज के समय में बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं.
पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के सुजापुर इलाके में हुई घटना. भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि वहां विधानसभा चुनाव कि लिए बम बन रहे थे. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘अवैध बम बनाने’ पर रोक लगाने के लिए कहा है. हालांकि राज्य के गृह विभाग ने उनके आरोपों का खंडन किया है.