इस साल जनवरी में तमिलनाडु सरकार ने जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के ख़िलाफ़ यह आरोप लगाते हुए मुक़दमा दायर किया था कि इसने केंद्र सरकार की 2006 की पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के तहत आवश्यक मंज़ूरी लिए बिना कोयंबटूर में अपने परिसर का निर्माण किया है.
जग्गी वासुदेव की ईशा फाउंडेशन द्वारा ढाई करोड़ रुपये से अधिक के टेलीफोन बिल का भुगतान नहीं किया गया है. फाउंडेशन का कहना है कि आश्रम से इतनी बड़ी संख्या में कॉल्स नहीं हुई है और वहां स्थित निजी एक्सचेंज को नींव से हैक करने से इतना बिल आया है. बीएसएनएल इसके ख़िलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा है.
कर्नाटक हाईकोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें आरोप है कि जग्गी वासुदेव की अध्यक्षता वाली ईशा फाउंडेशन ने कावेरी नदी के 639 किमी लंबे किनारों पर 253 करोड़ पेड़ लगाने की योजना कावेरी कॉलिंग को कर्नाटक सरकार की परियोजना के रूप में पेश करके जनता से 10,626 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं.
जग्गी वासुदेव की अध्यक्षता वाले ईशा फाउंडेशन को फटकार लगाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, इस धारणा में मत रहिए कि चूंकि आप एक आध्यात्मिक संस्था हैं तो आप कानून से बंधे नहीं हैं.
बीते दिनों तूतीकोरिन में हुई हिंसा का केंद्र रहे वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद किए जाने पर बाबा रामदेव और सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने निराशा ज़ाहिर की है.
जन गण मन की बात की 126वीं कड़ी में विनोद दुआ ईशा फाउंडेशन के जग्गी महाराज और न्यायाधीश जयंत पटेल के इस्तीफे पर चर्चा कर रहे हैं.
ईशा फाउंडेशन के जग्गी वासुदेव के योग आश्रम से अपनी ज़मीन वापस लेने के लिए कोयंबटूर की मुताम्मा लंबे समय से लड़ाई लड़ रही हैं.
जन गण मन की बात की 35वीं कड़ी में श्रीश्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव के कानून की धज्जियां उड़ाते कारनामों और उर्दू भाषा पर विनोद दुआ चर्चा कर रहे हैं.