15 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में पत्थरबाज़ी का हवाला देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को पीटा था. इस हिंसा के चार साल पूरे होने पर जामिया के छात्र-छात्राओं ने 'जामिया प्रतिरोध दिवस' मनाते हुए परिसर में मार्च निकाला.
जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलसचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक छात्रा की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति प्रबंधन अध्ययन विभाग के सहायक प्राध्यापक के ख़िलाफ़ कथित कदाचार की जांच कर रही है. शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
ग़ैरत निहायत ही ग़ैरज़रूरी और अनुपयोगी चीज़ है. इसके बिना इंसान बने रहना भले मुश्किल हो, ग़ैरत के साथ कुलपति बने रहना असंभव है. जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति समय-समय पर इस बात की तसदीक़ करते रहते हैं.
वीडियो: बीते 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसा की गई थी. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा था. छात्रों को लाइब्रेरी में पीटा गया और लाइब्रेरी में भी तोड़-फोड़ की गई थी. इस हिंसा के दो साल पूरे होने पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उस दिन को अभिव्यक्ति, आंदोलन और लोकतंत्र पर हमले के तौर पर याद किया गया.
दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन में हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. विश्वविद्यालय ने बिना अनुमति प्रवेश और छात्रों व सुरक्षा गार्डों पर हमले के आरोप में पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने की याचिका दायर की थी.
बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े एक मामले में पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोपपत्र में पुलिस ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह सहित अन्य मामलों में आरोपी बनाया है. गुवाहाटी जेल में बंद इमाम बीते दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
बीते साल दिसंबर में जामिया मिलिया इस्लामिया में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर हलफनामे के जवाब में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान जैसे छात्रों को बेरहमी से पीटा, उससे लगता है कि उन्हें ऊपर से ऐसा करने का आदेश मिला था.
15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों को बर्बरता से पीटने की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इससे पहले विद्यार्थियों का सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन एक ‘ग़ैर क़ानूनी जमावड़ा’ था, जिसने पुलिसिया कार्रवाई को दावत दी.
पिछले साल 13 से 15 दिसंबर के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के पास सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुईं घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के जवाब में पुलिस ने कहा है कि हिंसा की घटनाएं कुछ लोगों द्वारा सुनियोजित थीं.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप दर्ज किया था. इमाम पर हिंसा भड़काने और द्वेष बढ़ाने वाला भाषण देने का आरोप लगाया गया था.
दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति नजमा अख़्तर ने विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के मद्देनज़र कैंपस में घुसने को लेकर दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर सख़्त कार्रवाई की मांग की थी.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया के दस छात्रों को नोटिस देकर उनसे 15 दिसंबर को परिसर में हुई हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के लिए उन छात्रों का बुलाया जा रहा है जो हिंसा के दौरान घायल हुए थे.
वीडियो: 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हुई हिंसा के बारे में 16 फरवरी को सामने आए एक सीसीटीवी फुटेज के बाद इस घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं. इनके बारे में जामिया के छात्रों, शिक्षकों और प्रशासन से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
वीडियो: मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा से संबंधित सामने आए वीडियो फुटेज के बारे में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी वीएन राय, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और जामिया के शोधार्थी राहुल कपूर से चर्चा कर रहे हैं.