जम्मू कश्मीर में संचार व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप होने के कारण न कश्मीरी अख़बार छपे, न ही समाचार वेबसाइट अपडेट हुईं.
जो कुछ भी 5 अगस्त को संसद में हुआ है उसने साबित कर दिया है कि भाजपा के लिए बहुमत का अर्थ बहुसंख्यकवादी बहुमत है.
केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सोमवार को ख़त्म कर दिया. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को एकतरफा ढंग से विभाजित कर, निर्वाचित प्रतिनिधियों को कैद कर और संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय एकीकरण आगे बढ़ने वाला नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं सज्जाद लोन और इमरान अंसारी सहित कई अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है.
पुलिस और सेना का इस्तेमाल करके आम राय को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है, लेकिन क्या इससे राज्य में लंबे समय के लिए शांति सुनिश्चित की जा सकती है?
सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने का प्रस्ताव पेश किया.
केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू-कश्मीर से राज्य का विशेष दर्जा छीनते हुए धारा 370 को हटा दिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 को खत्म करने के लिए राज्यसभा में सिफारिश की थी.
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद जारी अनिश्चितता की स्थिति बरकरार है. वहीं, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया.
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और अमरनाथ यात्रा पर रोक और कई अन्य सरकारी आदेशों से राज्य में अफरातफरी और अनिश्चितता का माहौल है. प्रदेश में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से रविवार रात जारी एक अन्य आदेश में पुलिस अधिकारियों से टैक्सियों की यात्री क्षमता और पेट्रोल पंपों की ईंधन क्षमता की सूचना जुटाने को भी कहा गया है.
गृह मंत्री के रूप में अमित शाह द्वारा सदन में पेश पहला प्रस्ताव है. कांग्रेस ने कहा कि जम्मू कश्मीर में निर्वाचित सरकार का नहीं होना, देशहित में नहीं है.