अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जम्मू की आठ और घाटी की 16 सीटों पर मतदान हुआ है, जहां के चुनावी आंकड़े 2014 के पिछले चुनाव के समान ही रहे हैं.
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगा दी है. वहीं सूबे में पहली चुनावी रैली करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा वापस लौटाएंगे
सोमवार सुबह जारी पहली सूची में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना के नाम नहीं थे. बाद में जो सूची जारी की गई उसमें पहले चरण के 15 उम्मीदवारों के नाम हैं, जिनमें केवल एक महिला उम्मीदवार शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि अपने गढ़ जम्मू के अलावा, कांग्रेस हालिया समय में जम्मू-कश्मीर में मजबूती से उभरी है. इसलिए वह यह बातचीत भी कर रही है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर घाटी में उसके लिए कुछ सीटें खाली कर दे, जहां वह अपने उम्मीदवार उतार सके.
जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में से दो सीटों पर भाजपा, दो पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. वहीं, चुनावी मैदान में उतरे 100 उम्मीदवारों में से 89 की ज़मानत ज़ब्त हुई है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
वीडियो: जम्मू-कश्मीर के हालात, राम मंदिर, सांप्रदायिकता, मोदी सरकार के कामकाज समेत विभिन्न मुद्दों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की बातचीत.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जब भाजपा नेता सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हैं कि वे चुनाव में 50 सीटें जीतेंगे, तो उन्हें चुनाव कराने से कौन रोक रहा है. हमारे पास उपराज्यपाल तो हैं, पर वे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते.