केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति के आदेश से जम्मू-कश्मीर से राज्य का विशेष दर्जा छीनते हुए धारा 370 को हटा दिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 को खत्म करने के लिए राज्यसभा में सिफारिश की थी.
संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष स्वायत्त दर्जा देता था. इसके अलावा अनुच्छेद 35ए को भी ख़त्म करने का भी प्रस्ताव पेश किया गया है. केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा.
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद जारी अनिश्चितता की स्थिति बरकरार है. वहीं, कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने दावा किया कि उन्हें रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया.
राज्य सरकार ने मामले में तीन पुलिसकर्मियों को मिली कम सजा और एक आरोपी की रिहाई को भी चुनौती दी है.
जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और अमरनाथ यात्रा पर रोक और कई अन्य सरकारी आदेशों से राज्य में अफरातफरी और अनिश्चितता का माहौल है. प्रदेश में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर रोक और पर्यटकों को राज्य छोड़ने के आदेश के संबंध में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राजनीतिक फायदे के लिए राज्य को 1989-90 के हालात में ले जाने की कोशिश कर रही है, जब हज़ारों कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को बाहर जाना पड़ा था.
अमरनाथ यात्रा के बाद किश्तवाड़ ज़िले में 42 दिन तक चलने वाली मचैल माता यात्रा भी रद्द. केंद्र द्वारा घाटी में सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के आदेश के बाद से कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है. क़ानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते लोग राशन और आवश्यक सामान खरीदने की दुकानों के बाहर कतारों में दिखाई दे रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पार्टी नेताओं के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उमर ने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि संविधान की धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द किए जाने की कोई तैयारी नहीं की जा रही है.
श्रीनगर में सेना ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं. इसके बाद यात्रा मार्ग पर खोजी अभियान चलाया गया था. इस दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. इनमें पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री के ठप्पे वाली लैंड माइन और अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल हैं.
पत्र में आरपीएफ अधिकारी ने कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका के मद्देनज़र क़ानून-व्यवस्था से निपटने के लिए कर्मचारियों को कम से कम चार महीने के लिए रसद जमा कर लेने, सात दिन के लिए पानी एकत्र कर लेने और गाड़ियों में ईंधन भरकर रखने को कहा था. घाटी में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 10 हज़ार जवान तैनात किए जाने के फैसले के बाद घाटी में कई तरह की चर्चाएं हैं.
जम्मू कश्मीर प्रशासन की तरफ से रविवार रात जारी एक अन्य आदेश में पुलिस अधिकारियों से टैक्सियों की यात्री क्षमता और पेट्रोल पंपों की ईंधन क्षमता की सूचना जुटाने को भी कहा गया है.
1996 में राजस्थान में हुए समलेटी विस्फोट मामले के छह आरोपियों रईस बेग, जावेद ख़ान, लतीफ़ अहमद वाज़ा, मोहम्मद अली भट, मिर्ज़ा निसार हुसैन और अब्दुल गनी को 23 साल बाद बरी कर दिया. इन लोगों को कभी ज़मानत नहीं दी गई. रईस बेग के अलावा अन्य लोग जम्मू कश्मीर के रहने वाले वाले थे.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा कि आतंकी सुरक्षाकर्मियों समेत बेगुनाहों की हत्या बंद करें और इसके बजाय उन लोगों को निशाना बनाएं जिन्होंने सालों तक कश्मीर की दौलत लूटी. बयान के तूल पकड़ने पर उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि उन्होंने जो भी कहा, गुस्से में कहा.
मणिपुर में 2000 से 2012 के बीच सेना और पुलिस पर 1,528 ग़ैर-न्यायिक हत्याओं के आरोप हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं.
गृह मंत्री के रूप में अमित शाह द्वारा सदन में पेश पहला प्रस्ताव है. कांग्रेस ने कहा कि जम्मू कश्मीर में निर्वाचित सरकार का नहीं होना, देशहित में नहीं है.