प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से प्रचार कर चुके हैं.
बिहार में यादव समुदाय की आबादी करीब 15 प्रतिशत और कुशवाहा समुदाय की करीब 8 फीसदी है. ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ कर राजद के साथ जाते हैं, तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.
महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने राजद को ‘भ्रष्ट’ बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजग में है और वह 2019 का चुनाव अपने सहयोगियों के साथ लड़ेगी.
बिहार में इन दिनों घट रहीं सियासी घटनाएं बता रही हैं कि भाजपा और जदयू के बीच 2013 के पहले जैसा तालमेल था, वैसा अब नहीं रहा और इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन की उम्र भी बहुत लंबी नहीं रहने वाली है.