‘भाजपा लक्ष्मीबाई से वही झांसी छीन रही है जो वे मरते दम तक अंग्रेज़ों को नहीं देना चाहती थीं’

ग्राउंड रिपोर्ट: विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ कर दिया था, जिससे झांसी के लोग ख़ुश नहीं हैं. यहां तक कि स्वयं को सरकार और भाजपा समर्थक बताने वाले लोग भी इसे ग़लत बता रहे हैं.

आंचल संभालते हाथों में थमी वीरता की कटार का नाम है सुभद्रा कुमारी चौहान

वीडियो: 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर गांव में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान ने महज़ नौ साल की उम्र में अपनी पहली प्रकाशित कविता लिखी थी. वह स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल रही हैं. स्वतंत्रता से पूर्व स्त्री अधिकारों पर लिखने वाली वह देश की पहली महिला लेखक थीं.

मणिकर्णिका में आज के उग्र-राष्ट्रवाद का अक्स है

बॉलीवुड भले ही अवसरवादी और रीढ़विहीन नज़र आता हो लेकिन अलग-अलग नज़रिया रखने वाले इसके सदस्य अपने देश की मार्केटिंग और उससे पैसे बनाने के मामले में एक-दूसरे से कोई मतभेद रखते नहीं दिखते.

पद्मावत के बाद कंगना की फिल्म मणिकर्णिका का विरोध शुरू, करणी सेना का ब्राह्मण महासभा को समर्थन

राजस्थान में सर्व ब्राह्मण महासभा फिल्म में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को एक विदेशी की प्रेमिका बताए जाने को लेकर फिल्म का विरोध कर रही है. करणी सेना के संयोजक ने कहा कि अगर ब्राह्मण का ख़ून बहेगा तो राजपूत क्या चुप रहेगा.

1857 की वीरांगनाएं, जिन्हें भुला दिया गया

1857 के विद्रोह में सिर्फ़ बेग़म हज़रत महल और रानी लक्ष्मीबाई ने ही हिस्सा नहीं लिया था. दर्जनों और औरतों ने सक्रिय तरीक़े से अंग्रेज़ों से लोहा लिया था. मगर उनकी कहानी शायद ही कहीं दर्ज है.