जिग्नेश मेवाणी गुजरात के बनासकांठा ज़िले की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मेवाणी की गिरफ़्तारी को ‘अलोकतांत्रिक और अवैध’ बताया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक दृष्टिकोण रखा है कि प्रधानमंत्री शांति की अपील कर सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं और इसकी अपील कर रहे हैं, तो वह अपने देश के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार के साथ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए हैं. बताया गया है कि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनज़र वे कुछ समय बाद औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे.
वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर एक दलित आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद उन्हें अनुशासनहीनता के लिए सदन से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. गुरुवार को यही मुद्दा उठाने को लेकर उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया था.
गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती टोल नाका इलाके का मामला. किसी बात को लेकर दलित समुदाय के युवकों की एक ढाबा मालिक से लड़ाई हो गई थी.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीते दो साल में पुलिस हिरासत में जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजनों को 23.50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया गया है.
गुजरात के नरोदा का मामला. एनसीपी की महिला नेता नीतू तेजवानी ने विधायक बलराम थवानी को राखी बांधकर किया समझौता. नीतू ने कहा कि उन्होंने बोला (विधायक) मैं तुझे बहन मान के चला हूं और बहन की तरह ही मैंने तुझे थप्पड़ मारा था. मैंने भी उनको भाईसाहब मान लिया है, समाधान सबने मिलकर कर लिया है.
राष्ट्रवाद और सैन्य बलों को चुनाव प्रचार में घसीटकर उनका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश मतदाताओं को आकर्षित करने की गारंटी नहीं है और इसका उलटा असर भी हो सकता है. चुनाव की तैयारी कर रहीं पार्टियों की रणनीति देखते हुए यह साफ़ हो रहा है कि कोई भी अपनी निर्णायक जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है.
हम भी भारत की इस कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी से आगामी लोकसभा चुनाव में प्रभावी समीकरणों पर चर्चा कर रही हैं.
मोदी सरकार का पिछले साढ़े चार साल का अनुभव यह बताने के लिए काफ़ी है कि एक नेता या एक वर्चस्वशाली पार्टी के इर्द-गिर्द बनी सरकारें घमंडी और अक्खड़ जैसा व्यवहार करने लगती हैं और आलोचनाओं को लेकर कठोर हो जाती हैं.
कोलकाता में विपक्ष की यूनाइटेड इंडिया रैली में एकजुट नज़र आए विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा के ख़िलाफ़ भरी हुंकार. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी 2019 में चुनाव जीतती है तो संविधान बदल देगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को मिलकर लड़ना होगा.
राजकोट के शापर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक फैक्ट्री के बाहर कचरा बीन रहे दंपत्ति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद पति की मौत हो गयी और पत्नी गंभीर रूप से घायल है.
पाटण ज़िले के दूधका गांव के दलितों को पैसा जमा करने के बाद भी लगभग तीन साल से ज़मीन आवंटित नहीं की गई है. निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने वणकर की आत्महत्या को ‘सरकारी हत्या’ क़रार दिया है.
जाति-हिंसा लंबे समय से महाराष्ट्र की संस्कृति का अंग रही है. यहां हिंदुत्ववादी राजनीति का विकास कोई एक दिन मे नहीं हुआ है. इसे कई दशकों तक सक्रिय तरीके से खाद-पानी देने का काम कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने किया.
जन गण मन की बात की 177वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात से निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की दिल्ली में हुई युवा हुंकार रैली पर चर्चा कर रहे हैं.
ऊना के दलित आंदोलन से चर्चा में आए जिग्नेश मेवाणी गुजरात की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक हैं.