विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. बताया गया है कि तीन से चार सदस्य वाली इस समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज होंगे और सदस्यों का चयन मुख्यमंत्री करेंगे.
इस साल मार्च में गुजरात सरकार ने ऐलान किया था कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कक्षा 6 से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल किया जाएगा. इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसे संविधान के विरुद्ध बताते हुए ज़मीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल माह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी, शिक्षा अधिकारियों और भाजपा पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के संबंध में एक बैठक हुई थी. बैठक में मौजूद संघ के सहयोगी संगठनों ने कथित तौर पर यह भी मांग रखी कि रामायण, महाभारत और भगवद् गीता भी स्कूलों में पढ़ाए जाएं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि गुजरात मॉडल की बहुत चर्चा होती है. हमने जिन परिवारों से बात की है, उनका कहना है कि कोविड के दौरान उन्हें अस्पताल में न तो बेड मिला और न ही ऑक्सीजन और वेंटिलेटर. वहीं गुजरात सरकार ने कहा है कि राज्य में लगभग 10 हज़ार लोगों की संक्रमण से मौत हुई है. सरकार ने गांधी के बयान को लोगों को गुमराह करने तथा राज्य की छवि ख़राब करने का प्रयास बताया.