‘कोई मजिस्ट्रेट उन मुलज़िमों के साथ इंसाफ़ नहीं कर सकता जिनके साथ ख़ुद सरकार ऐसा करना न चाहे’

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा बग़ावत के इल्ज़ाम में उन पर चलाए गए एक मुक़दमे में क़रीब सौ साल पहले कलकत्ते की एक अदालत में पेश लिखित बयान ‘क़ौल-ए-फ़ैसल: इंसाफ़ की बात’ शीर्षक से किताब की शक्ल में सामने आया है.