गुजरातः सरकारी परियोजना पर रिपोर्ट के चलते पत्रकार पर हमला, एक गिरफ़्तार

मामला गुजरात के वलसाड का है. आरोप है कि एक तालाब के सौंदर्यीकरण की परियोजना को लेकर छपी ख़बर से गांव का पूर्व सरपंच नाराज़ था और उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पत्रकार और उनके परिवार पर हमला किया.

पुस्तक समीक्षा: पत्रकार करण थापर के साक्षात्कारों के पीछे की कहानियां

नेताओं के स्तुतिगान करने के इस दौर में आमने-सामने बैठकर आंखों में आंखें डालकर कड़े और कठिन सवालों के लिए जाने जाने वाले करण थापर की किताब ‘मेरी अनसुनी कहानी’ को पढ़ना सुकून देता है, क्योंकि असहमति और सवाल पूछना ही लोकतंत्र की ताक़त है.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में गिरफ़्तार उर्दू अख़बार के संपादक को ज़मानत मिली

जम्मू कश्मीर पुलिस ने उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात गिरफ़्तार किया था. मंगलवार को उन्हें ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि अगर क़ादरी 'घोषित अपराधी' थे तो दो बार उनका पासपोर्ट वेरीफिकेशन कैसे हुआ.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में उर्दू अख़बार के संपादक गिरफ़्तार

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि 1992 में हुए एक मामले के संबंध में टाडा कोर्ट के समन पर ऐसा किया गया, वहीं क़ादरी के परिजनों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना है.

शुजात बुख़ारी की हत्या के एक साल बाद दर्द और सवाल दोनों ज़िंदा हैं

जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से गठबंधन तोड़ते समय राज्यपाल शासन लगाने के कारणों में शुजात बुख़ारी की हत्या का ज़िक्र भी किया था. लेकिन, एक साल बाद भी बुख़ारी की हत्या का रहस्य बना हुआ है.

वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य राजनाथ सिंह सूर्य का निधन

राजनाथ सिंह सूर्य भाजपा के प्रदेश महामंत्री और 1996 से 2002 तक राज्यसभा सदस्य रहे. कई वर्षों तक दैनिक ‘आज’ के ब्यूरो प्रमुख और 1988 में ‘दैनिक जागरण’ के सहायक सम्पादक बने और बाद में ‘स्वतंत्र भारत’ के सम्पादक रहे.

द वायर बुलेटिन: चार राज्यों के करीब 85 फीसदी उज्ज्वला लाभार्थी मिट्टी के चूल्हे पर भोजन पकाने को मजबूर

रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने के मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

मणिपुर हाईकोर्ट ने रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने का आदेश दिया

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर वायरल एक यूट्यूब वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना करने के लिए नवंबर 2018 में रासुका के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर सरकार की आलोचना के चलते गिरफ़्तार पत्रकार गंभीर रूप से बीमार

पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘पत्रकारों पर रासुका लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बाकी पत्रकारों को डराना है’

बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मणिपुर: रासुका के तहत जेल भेजे गए पत्रकार को राहुल गांधी ने लिखा पत्र, जताया समर्थन

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'

असम: पत्रकार के सवाल पर भड़के एआईयूडीएफ प्रमुख, बोले- यहां से जाओ वरना सिर फोड़ दूंगा

गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल से एक पत्रकार ने लोकसभा चुनाव के समय पार्टी की गठबंधन की योजना पर सवाल किया, जिस पर वे भड़क गए.

मणिपुर: राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना करने वाले पत्रकार को एक साल की जेल

इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को बीते 26 नवंबर को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

मणिपुर: मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की आलोचना करने पर पत्रकार रासुका के तहत गिरफ़्तार

इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है

‘यौन उत्पीड़न पर ख़ामोश रहने का फ़ायदा सिर्फ़ आरोपी को मिलता है’

साक्षात्कार: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और मीटू आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानी-मानी इतिहासकार व नारीवादी उमा चक्रवर्ती और आंबेडकर विश्वविद्यालय की शिक्षक वसुधा काटजू से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

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