कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति और सेबी अडानी समूह के लेन-देन की जांच करते समय ऐसे बिंदु पर पहुंच गए, जहां से आगे नहीं बढ़ सकते थे. पार्टी ने मामले में सच्चाई को उजागर करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच की अपनी मांग दोहरायी है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद कटघरे में आए अडानी समूह से संबंधित मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते हुए कांग्रेस ने पूछा कि टैक्स हेवन देशों से संचालित ऑफशोर शेल कंपनियों के ज़रिये भारत भेजे जा रहे काले धन का असली मालिक कौन है? क्या यह चीन और पाकिस्तान से आया पैसा है?
विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला तेज़ कर दिया है. संसद के दोनों सदनों में गतिरोध क़ायम है. विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच पर ज़ोर दे रहा है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के परिसर में प्रदर्शन भी किया.
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता ने कहा कि कई रिपोर्ट आ चुकी हैं कि फेसबुक के ज़रिये फैलाए जा रहे नफ़रत भरे संवाद और सामग्री, फ़र्ज़ी ख़बरों को रोकने के लिए कारगर प्रयास नहीं किए गए. इस तरह की सामग्री कम होने की बजाय बढ़ गई है. हमारी फेसबुक से मांग है कि वह इसकी स्वतंत्र जांच कराए.
फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार के अनुसार, रफाल निर्माता दासो एविएशन ने ‘फ़र्ज़ी बिल’ के ज़रिये बिचौलिए सुषेन गुप्ता को रिश्वत दी थी और 2018 में भारत में इस सौदे में भ्रष्टाचार की आधिकारिक शिकायत मिलने के हफ्तेभर बाद सीबीआई को मॉरीशस के अटॉर्नी-जनरल के कार्यालय से इससे संबंधित कई दस्तावेज़ मिले थे.