एनजीटी ने कंपनी को खनन के लिए वन भूमि का इस्तेमाल करने, रसायन और कोयले का पानी खेतों में डालकर किसानों की फसल बर्बाद करने, ग्रीन बेल्ट का निर्माण न करने, खुले ट्रक में कोयला ले जाने, पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने और प्रदूषण के पीड़ितों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न कराने का दोषी पाया है.