सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?
एक ओर योगेंद्र यादव और बेला भाटिया का कहना है कि इससे आरक्षण का लाभ सर्वाधिक वंचित समुदाय तक पहुंच सकेगा, वहीं, कुछ नेता इसे 'फूट डालो राज करो' की संज्ञा देते हैं.
पंजाब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग (सेवाओं में आरक्षण) अधिनियम, 2006 संबंधी एक मामले में निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किन्हीं समुदायों के अधिक पिछड़े लोगों को अलग कोटा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है. मीडिया को इस पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है.
सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने जिन तीन महिला जजों की सिफ़ारिश की है, उनमें कर्नाटक उच्च न्यायालय की जस्टिस बीवी नागरत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं. जस्टिस नागरत्ना देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं. 19 मार्च 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष न्यायालय में कोई नियुक्ति नहीं हुई है.