बीते 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री और अन्य सभी अदालतों को अदालती मामलों में वादकारियों की जाति या धर्म का उल्लेख करने की प्रथा को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया था. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन जैसे निकायों के सदस्यों से निर्देशों का ध्यान रखने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने जेंडर आधारित दुर्व्यवहार की शिकायतों का समयबद्ध निपटारा करने का मजबूत तंत्र बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा है कि इससे पूरे समाज को संदेश जाएगा कि खेलों में शामिल महिलाएं सम्मान, गरिमा और हर तरह के भेदभाव व उत्पीड़न से सुरक्षा की हक़दार हैं.
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने स्वतंत्र न्यायपालिका की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज विभिन्न चुनौतियां है, जिनका सामना न्यायपालिका को करना है. हमें हर तरह के दबाव, हमले या किसी भी तरह के हस्तक्षेप को सहन करना है. एक संपन्न लोकतंत्र होने के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका होना ज़रूरी है.
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के ख़िलाफ़ लंबित मामलों में विधानसभा चुनाव तक उनकी गिरफ़्तारी या मामले दर्ज करने पर रोक लगाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा हैरान करने वाला आदेश नहीं देखा.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार के बजाय शुक्रवार को की जाए क्योंकि बुधवार को वह एक अन्य जिरह में व्यस्त होंगे. वहीं, कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय तकनीकी समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों पर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है. मीडिया को इस पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है.
सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने जिन तीन महिला जजों की सिफ़ारिश की है, उनमें कर्नाटक उच्च न्यायालय की जस्टिस बीवी नागरत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं. जस्टिस नागरत्ना देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं. 19 मार्च 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष न्यायालय में कोई नियुक्ति नहीं हुई है.