14 अगस्त, 2024 को तालिबान के सशस्त्र बलों ने सत्ता में आने की तीसरी वर्षगांठ का जश्न काबुल के नजदीक बगराम स्थित हवाई अड्डे पर मनाया, एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन हुआ, जिसमें चीन और ईरान के राजनयिक भी शामिल थे.
क्षेत्रीय सम्मेलन में तालिबान के विदेश मंत्री ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के किसी विशेष प्रतिनिधि के साथ नए मिशन की ज़रूरत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 18-19 फरवरी को क़तर की राजधानी दोहा में अफ़ग़ानिस्तान पर क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विशेष दूतों की एक बैठक की मेज़बानी करेंगे.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने कहा कि कम से कम 110 अफ़ग़ान-सिख अब भी वहां फंसे हुए हैं और उनमें से 60 को अभी तक अपना ई-वीज़ा नहीं मिला है. जून में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में सिखों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. इस हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि सीआईए द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया. अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साज़िश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. तालिबान ने ज़वाहिरी की हत्या के लिए चलाए गए अमेरिकी अभियान को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन कहा है.
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज़ होने के बाद पहली बार भारत ने एक वरिष्ठ राजनयिक की अगुवाई में अपना प्रतिनिधि दल वहां भेजा है. यात्रा को तालिबान को मान्यता देने की दिशा में क़दम माने जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यात्रा मानवीय सहायता व वितरण से संबंधित है और इसमें ज़्यादा कुछ अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए.
तालिबान द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह आदेश अंतिम है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. आचरण एवं नैतिकता मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हिजाब या हेडस्कार्फ़ मुस्लिम महिलाओं के लिए आवश्यक है और ढंके हुए चेहरों वाली महिला टेलीविज़न प्रस्तुतकर्ता अफ़ग़ानिस्तान में सभी महिलाओं के लिए अच्छे रोल मॉडल के रूप में काम करेंगी.
तालिबान की ओर से कहा गया है कि अगर एक महिला घर के बाहर अपना चेहरा नहीं ढकती है तो उसके पिता या निकटतम पुरुष रिश्तेदार को क़ैद कर लिया जाएगा या सरकारी नौकरी से निकाल दिया जाएगा. तालिबान ने बीते मार्च महीने में देश के अधिकतर हिस्सों में कक्षा छह के बाद लड़कियों को स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान शासन ने लड़कियों की उच्च स्कूली शिक्षा पर रोक लगाने का फैसला किया है, जिसके तहत छठी कक्षा से ऊपर के स्कूलों में लड़कियों को जाने की अनुमति नहीं रहेगी. पूर्व में तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष संकल्प जताया था कि वे महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों में कटौती नहीं करेंगे.
भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत फ़रीद मामुनड्ज़े ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि जब कठिन वक़्त में अफ़ग़ान नागरिकों को भारतीय मदद की ज़रूरत थी, तो उनकी मदद नहीं की गई. अब तक भारत ने अफ़ग़ानिस्तान से 669 लोगों को निकाला है, जिसमें 448 भारतीय और 206 अफ़ग़ान नागरिक हैं.
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स और नेटवर्क ऑफ वूमेन इन मीडिया इन इंडिया द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट उन महिला पत्रकारों पर केंद्रित है, जो अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में रह रही हैं और जो बाहर हैं, जिनकी आजीविका को तालिबान के आने के चलते भारी झटका लगा है.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी प्रशासन के सदाचार प्रचार एवं अवगुण रोकथाम संबंधी मंत्रालय द्वारा जारी नए धार्मिक दिशानिर्देशों के मुताबिक़, अफ़ग़ान चैनलों को महिलाओं के अभिनय वाले ड्रामा और सोप ओपेरा का प्रसारण न करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही शरिया क़ानून के ख़िलाफ़ मानी जाने वाली फिल्मों पर भी प्रतिबंध लगाने को कहा गया है.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतरिम मेयर ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है. केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गई है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं.
इस बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता है कि वो अमेरिका, जिसने 2001 से 2020 तक ख़ुफ़िया जानकारी पर 1000 अरब डॉलर से अधिक ख़र्च किए हैं, इतना अयोग्य था कि उसे दो दशकों से अधिक समय तक तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंधों का कोई अंदाज़ा ही नहीं हुआ.
अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाक़ी हक़्क़ानी ने नई सरकार के गठन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में नई नीतियों का ऐलान करते हुए कहा कि हम लड़के और लड़कियों को एक साथ पढ़ने की मंज़ूरी नहीं दे सकते. महिला विद्यार्थियों को तालिबान से कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें अनिवार्य ड्रेस कोड भी होगा. हक़्क़ानी ने कहा कि महिला विद्यार्थियों को हिजाब पहनना होगा.
जर्मन प्रसारण कंपनी ‘डॉयचे वेले’ ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में उसके नौ संवाददाता और एकमात्र महिला संवाददाता शुक्रवार को अपने परिवार के साथ देश छोड़कर निकलने में सफल रहे. इन संवाददाताओं को जर्मनी के बॉन शहर ले जाया जाना है.