अफ़ग़ानिस्तान: तालिबान ने महिलाओं के प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों को बुरी तरह से पीटा

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित एक अख़बार के दो अफ़ग़ान पत्रकारों सहित कई अन्य पत्रकारों ने तालिबान की हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने की बात कही है. जानकारी के अनुसार, तालिबान द्वारा पत्रकारों से कहा गया कि महिलाओं की तस्वीरें लेना ग़ैर-इस्लामिक है.

मुसलमान होने का न कभी ढिंढोरा पीटा, न कभी शर्मिंदा हुआ नसीरुद्दीन शाह

वीडियो: दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का जश्न मना रहे भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग की निंदा करते हुए इसे ख़तरनाक बताया है. नसीरुद्दीन शाह के इस बयान पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने उनसे बातचीत की.

‘मां ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, अफ़ग़ानिस्तान वापस मत लौटना’

अफ़ग़ानिस्तान के मज़ार-ए-शरीफ़ के रहने वाले क़ुर्बान हैदरी ने इसी साल जेएनयू से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है और 31 अगस्त को उनकी वीज़ा अवधि ख़त्म होने के बाद से वे अनिश्चितता से घिरे हुए हैं. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी हिंसा के शिकार अल्पसंख्यक समुदाय हज़ारा से आने वाले हैदरी को डर है कि अगर वीज़ा एक्सटेंड नहीं हुआ तो देश वापस लौटने पर उनकी जान ख़तरे में होगी.

तालिबान ने नई अफ़ग़ान सरकार की घोषणा की, वैश्विक आतंकी सूची में शामिल है गृह मंत्री का नाम

20 सालों के संघर्ष के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले विदेशी सैन्यबलों के वापस लौटने और अफ़ग़ान सरकार के गिरने के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की है. अफ़ग़ानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

हम कश्मीर समेत मुसलमानों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएंगे: तालिबान प्रवक्ता

दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि एक मुसलमान के रूप में हमारा अधिकार है कि अगर कश्मीर में, भारत में या किसी अन्य देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार किया जाता है तो हम कहेंगे कि उन्हें अधिकार देना चाहिए. हमने पहले भी कहा है और भविष्य में भी ऐसा ही कहेंगे, लेकिन हम कोई सैन्य अभियान नहीं चलाएंगे या किसी देश के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करेंगे. यह हमारी नीति नहीं है.

अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदर्शन किया

अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में गवर्नर कार्यालय के बाहर लगभग तीन दर्जन महिलाओं ने प्रदर्शन किया. रैली की आयोजकों ने कहा कि राष्ट्रीय विधानसभा और मंत्रिमंडल समेत नई सरकार में महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए. उनका कहना था कि वे महिलाओं के काम करने के अधिकार पर तालिबान सरकार से स्पष्ट जवाब की कमी से निराश होकर सड़कों पर उतरी हैं.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका की वापसी के बाद भारत व तालिबान के बीच हुई पहली औपचारिक वार्ता

पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में क़तर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. दोनों पक्षों के बीच बैठक उस दिन हुई है जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करते हुए देश में 20 साल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया है.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाया, 20 साल पुराना युद्ध समाप्त

अफ़ग़ानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का शासन है. अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है. तालिबान नेताओं ने देश को सुरक्षित करने, हवाईअड्डे को फिर से खोलने और पूर्व प्रतिद्वंद्वियों को माफी देने का संकल्प जताया.

काबुल धमाके ने तालिबान के इस भरम को तोड़ दिया है कि वे शांति ला सकते हैं: टोलो टीवी प्रमुख

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के लोकप्रिय चैनल टोलो टीवी के प्रमुख साद मोहसेनी ने कहा कि तालिबान के लिए तो चुनौती अब शुरू हुई है क्योंकि उसे शासन करना है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए ज़रूरी कौशल और गुण उसमें नदारद हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने या नहीं देने का सवाल प्रासंगिक नहीं: भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत का पूरा ध्यान अफ़ग़ानिस्तान में फ़ंसे अपने नागरिकों को वापस लाने पर है. काबुल में किसी इकाई के सरकार बनाने को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है या स्पष्टता की कमी है और अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी.

काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 100 के पार, 13 अमेरिकी भी शामिल

अफ़ग़ानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के क़ब्ज़ा जमाने के बाद राजधानी काबुल स्थित हवाईअड्डे पर देश छोड़कर जाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. इस दौरान बृहस्पतिवार को हवाईअड्डे और नज़दीक के एक होटल पर दो भयावह आत्मघाती हमले हुए हैं, जिसमें कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 95 अफ़ग़ान नागरिक और 13 अमेरिकी शामिल हैं. हमले के बाद शुक्रवार को देश से बाहर जाने वालों के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई

अफ़ग़ानी महिला सांसद को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा, कहा- गांधी के देश से ऐसी उम्मीद नहीं थी

साल 2010 से अफ़ग़ानिस्तान के फरयाब प्रांत का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद रंगीना करगर ने कहा है कि तालिबान के क़ब्ज़े के पांच दिन बाद 20 अगस्त को वह इस्तांबुल से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची थीं, लेकिन उन्हें वहीं से वापस भेज दिया गया.

तालिबान का शरिया क़ानून: कितना सही, कितना ग़लत

वीडियो: 20 साल बाद तालिबान एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में लौटा है. सत्ता हासिल करने के बाद तालिबान यहां शरिया क़ानून लागू करने जा रहा है, जिसके चलते वहां की महिलाएं काफ़ी ज़्यादा डरी हुई हैं. इतनी ज़्यादा कि वो अपने घरों से बाहर तक नहीं आ रही हैं. इस पूरे मामले पर विशेषज्ञ फ़ैज़ान मुस्तफ़ा का नज़रिया.

अफ़ग़ानिस्तान से तीन उड़ानों में क़रीब चार सौ लोगों को भारत लाया गया

अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों के ज़रिये 107 भारतीयों समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से लाया गया है.

भारत आए अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों ने बताया आंखों देखा हाल

वीडियो: 20 साल बाद तालिबान ने एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है, जिससे वहां के नागरिक दहशत में हैं और देश छोड़कर भाग रहे हैं. द वायर ने दिल्ली आए वहां के कई नागरिकों से बात की. इनमें से कई ऐसे भी थे, जिन पर तालिबान आतंकियों ने हमला किया था.