उत्तर प्रदेश: विधान परिषद चुनाव के लिए सपा ने डॉ. क़फील ख़ान को उम्मीदवार बनाया

डॉ. कफ़ील ख़ान को अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद निलंबित किया गया था. इसके बाद जुलाई 2019 में बहराइच ज़िला अस्पताल में मरीज़ों का जबरन इलाज करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में उन्हें दूसरी बार निलंबित किया गया था. विधान परिषद की 36 सीटों के लिए नौ अप्रैल को चुनाव होना है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ. कफ़ील ख़ान को बर्ख़ास्त किया, ख़ान ने कहा- अदालत जाएंगे

2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक सप्ताह के भीतर 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को निलंबित किया गया था. ख़ान का कहना है कि क्लीन चिट मिलने के बावजूद उन्हें बर्ख़ास्त किया गया है और उन्हें इस सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ दूसरे निलंबन आदेश पर रोक लगाई

डॉ. कफ़ील ख़ान को अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद निलंबित किया गया था. जुलाई 2019 में बहराइच ज़िला अस्पताल में मरीज़ों का जबरन इलाज करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में डॉ. कफ़ील को दूसरी बार निलंबित किया गया था.

सीएए संबंधी भाषण मामले में हाईकोर्ट ने कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही रद्द की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज चार्जशीट और संज्ञान आदेश को रद्द करते हुए कहा कि इसके लिए सरकार की अनुमति नहीं ली गई थी. 29 जनवरी 2020 को यूपी-एसटीएफ ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिसंबर 2019 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में कफ़ील ख़ान को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया था. वहां वे सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने गए थे.

उत्तर प्रदेशः गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर्स की सूची में शामिल किया गया डॉ. कफ़ील ख़ान का नाम

डॉ. कफ़ील ख़ान उन 81 लोगों में हैं, जिन्हें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार के निर्देश पर गोरखपुर ज़िले के हिस्ट्रीशीटर्स की सूची में शामिल किया गया है. डॉ. ख़ान के भाई ने बताया कि उनका नाम इस सूची में जून 2020 में डाला गया था, लेकिन मीडिया से यह जानकारी अब साझा की गई.

योगी सरकार के आगे नहीं झुकूंगा, अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता रहूंगा: डॉ. कफ़ील ख़ान

एएमयू में सीएए के ख़िलाफ़ कथित 'भड़काऊ भाषण' देने के आरोप में जनवरी से मथुरा जेल में बंद डॉ. कफ़ील ख़ान को हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार देर रात रिहा कर दिया गया. उनका कहना है कि उन्हें इतने दिन जेल में इसलिए रखा गया क्योंकि वे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमियों को उजागर करते रहते हैं.

गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: निलंबित डॉक्टर ने बच्चों की मौत की सीबीआई जांच की मांग की

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संकट के आरोप में निलंबित किए गए डॉ. कफ़ील ख़ान का कहना है कि बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोग खुले घूम रहे हैं. असली दोषी वे अधिकारी हैं जो बकाया भुगतान के लिए आपूर्तिकर्ताओं से पत्र की मांग कर रहे थे. डॉ. कफ़ील ने मामले को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित किए जाने की भी मांग की है.

गोरखपुर: नौ साल पुराने मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान और उनके भाई गिरफ़्तार

मुज़फ़्फ़र आलम नामक व्यक्ति ने साल 2009 में डॉ. कफ़ील और उनके भाई अदील अहमद ख़ान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. बीते शनिवार को भी कफ़ील ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.