हरिद्वार में 17-19 दिसंबर के बीच हिंदुत्ववादी नेताओं और कट्टरपंथियों द्वारा आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों को ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण दिए गए, यहां तक कि उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया. इसके बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी इसी तरह का आयोजन हुआ था.
महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपी कालीचरण महाराज के समर्थन में गुड़गांव में संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति की ओर से एक मार्च निकाला गया. इस मार्च में अधिकतर वही कट्टरपंथी हिंदुत्व नेता शामिल थे, जो सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ अदा करने का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान ‘नाथूराम गोडसे अमर रहें’ और ‘गोडसे ने देश बचाया’ के नारे लगाए गए और हिंसा का आह्वान किया गया.
हरिद्वार में कई अखाड़ों ने मिलकर 28 दिसंबर को 21 धार्मिक नेताओं की एक कोर समिति का गठन किया है. धार्मिक नेताओं ने बताया कि उन्होंने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में बदलने के अपने अभियान को तेज़ करने का भी फ़ैसला किया है. अब आगे इस तरह की तीन और धर्म संसद अलीगढ़, कुरुक्षेत्र और शिमला में होंगी.