मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 114 पर कांग्रेस, 109 पर भाजपा, दो पर बसपा, एक सीट पर सपा और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली. बहुमत के लिए 116 सीटों की ज़रूरत होती है.
चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां बिजली जाने की वजह से करीब एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद थे और इस बीच रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई थी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने खुरई, सतना और भोपाल में ईवीएम से संबंधित कई गड़बड़ियों की शिकायत की है. कांग्रेस का आरोप है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम गृहमंत्री के होटल में रखवाई गई थीं, जिन्हें 48 घंटे बाद सागर पहुंचाया गया.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान इंदौर, गुना और धार में तीन मतदान कर्मचारियों की बीमारी के कारण मौत हो गई.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर द वायर की महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स.
विशेष रिपोर्ट: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद के दौरान कहा था कि विधानसभा चुनाव के ऐन समय पर दल बदलकर कांग्रेस में आने वाले नेताओं को पार्टी टिकट नहीं देगी लेकिन अब पार्टी ने दर्जनभर दलबदलुओं को अपना प्रत्याशी बनाया है.
साक्षात्कार: मध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह ने पिछले दिनों पार्टी से अपना चार दशकों पुराना संबंध तोड़ लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. सरताज सिंह भाजपा से पांच बार सांसद रहे थे और दो बार विधायक. वे केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे. कभी कोई चुनाव हारे नहीं. इस बार वे मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा के सामने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. उनसे दीपक गोस्वामी की बातचीत.
विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के आख़िरी मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह चुनाव प्रचार से पूरी तरह से ग़ायब हैं. क्या उन्हें हाशिये पर धकेला जा चुका है या फिर उन्हें पर्दे के पीछे रखना चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक वीडियो में ऐसा कहते नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया इस वीडियो को सही परिप्रेक्ष्य में नहीं दिखा रहा है.
एक परिवाद में आरोप लगाया गया था कि कि तीन कांग्रेस नेताओं ने ह्विसल ब्लोअर प्रशांत पांडे के साथ मिलकर व्यापमं घोटाला मामले में अदालत में झूठे एवं फ़र्ज़ी दस्तावेज़ पेश कर अदालत को गुमराह कर रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की शिकायत पर 3 जून को चुनाव आयोग ने राज्य की चार विधानसभा सीटों पर फ़र्ज़ी मतदाताओं की जांच के लिए आठ दलों का गठन किया था जिन्होंने 7 जून को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी.
आयोग ने भोपाल ज़िले की नरेला, रायसेन की भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी-मालवा विधानसभा सीट की मतदाता सूची में गड़बड़ी की जांच के लिए दो-दो सदस्यीय दल बनाया हैं. कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा प्रशासनिक दुरुपयोग कर रही है.
मध्य प्रदेश में कमलनाथ को नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने की टिप्पणी. कमलनाथ के साथ चार अन्य को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
कांग्रेस के इस फ़ैसले ने पार्टी के अंदर एक विचार को जन्म दिया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के खेमे ने सिंधिया गुट के ऊपर एक बड़ी जीत हासिल की है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं. बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी और सुरेंद्र चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष होंगे.