विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले कर्नाटक की पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. साथ ही, अनुसूचित जाति के बीच आंतरिक आरक्षण की भी घोषणा की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर समूचे प्रचार में अपने पद की गरिमा तक से समझौता किए रखा और मतदाताओं ने जिस तरह उनकी बातों की अनसुनी की, उसका साफ़ संदेश है कि भाजपा के ‘मोदी नाम केवलम्’ वाले सुनहरे दिन बीत गए हैं.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है. कांग्रेस को जहां 224 सीटों में 135 सीटें मिलीं हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद भाजपा के खाते में सिर्फ़ 66 सीटें ही आई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 104 सीटों को अपने नाम किया था.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को मिली जीत के बाद दिल्ली स्थिति पार्टी मुख्यालय पर जश्न का माहौल नज़र आया. द वायर की टीम ने यहां मौजूद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस संबंध में बातचीत की.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटे हासिल कर पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस 55 सीटों के फायदे में रही, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 38 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. जनता दल (सेकुलर) के लिए भी चुनावी नतीजे निराशाजनक रहे हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से जीत और भारतीय जनता पार्टी की हार पर विपक्ष के विभिन्न नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों की तस्वीर क़रार दिया है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता पर मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने नफ़रत, ग़लत शब्दों से ये लड़ाई नहीं लड़ी. हमने मोहब्बत से दिल खोलकर ये लड़ाई लड़ी और कर्नाटक की जनता ने हमें दिखाया कि इस देश को मोहब्बत अच्छी लगती है.
कर्नाटक में मतों की गिनती के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन जनता की जीत है. लोगों ने भाजपा के खराब शासन और कांग्रेस की पांच गारंटी के पक्ष में वोट किया.
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. अब तक के रुझानों में कांग्रेस 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि 126 पर वह बढ़त बनाए हुए है. भाजपा के खाते में 64 सीटें नज़र आ रही हैं, वहीं जनता दल (सेक्युलर) का प्रदर्शन भी बीते चुनाव की अपेक्षा गिरा है.
एक वेबिनार में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि मतदाता बड़ी संख्या में वोट के लिए बाहर निकलते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार नहीं मिलते, इसलिए वोट नहीं देने के बजाय वे नोटा पर शिफ्ट हो गए. आने वाले चुनाव के बाद के विश्लेषण का यह विषय हो सकता है.
भाजपा का भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दा धीरे-धीरे दरक रहा है और 2024 तक आते-आते स्थिति और बिगड़ सकती है. संक्षेप में कहें, तो अगर कांग्रेस कर्नाटक में अच्छी जीत दर्ज करने में कामयाब रहती है, तो 2024 के चुनावी समर के शुरू होने से पहले कर्नाटक राष्ट्रीय विपक्ष के लिए संभावनाओं के कई द्वार खोल सकता है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि भाजपा की हिंसा की राजनीति का परिणाम आज मणिपुर में दिख रहा है. मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा जारी है, वहीं जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इन दोनों घटनाओं पर उन्होंने अब तक न तो कोई बयान दिया, न ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसके बारे में कोई चिंता प्रकट की है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी. इस पर विश्व हिंदू परिषद की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.
वीडियो: कांग्रेस और भाजपा दोनों ही कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, जद (एस) फिर से त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने के लिए इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी.