सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक फिर से पेश किए जाने की संभावना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान भी इस विधेयक का विरोध किया था.
जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.
नीतीश कुमार ने समझने में भूल कर दी कि इस बार उनका सामना पहले की तुलना में शक्तिशाली भाजपा से हुआ है. भाजपा बिहार के हालात का भरपूर फ़ायदा उठा रही है और नीतीश महज़ एक तमाशबीन बनकर रह गए हैं.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से डेटा चोरी के आरोपों का सामना कर रही कैंब्रिज एनालिटिका से अपने-अपने चुनावी अभियान में मदद ले चुकी हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.
जदयू ने लालू की 'भाजपा भगाओ देश बचाओ' रैली में शामिल होने को लेकर दी शरद यादव को हिदायत.
शरद यादव के नेतृत्व में 'साझी विरासत बचाओ सम्मलेन' में विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, संविधान ख़तरे में, देश में अघोषित आपातकाल.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.