भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि 1921 का मालाबार विद्रोह हिंदू समाज के ख़िलाफ़ था और केवल असहिष्णुता के चलते किया गया था.
साल 1921 में गांधीजी ने फ़ैज़ाबाद में निकले जुलूस में देखा कि ख़िलाफ़त आंदोलन के अनुयायी हाथों में नंगी तलवारें लिए उनके स्वागत में खड़े हैं. जिसकी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.