यूपी के मथुरा का रहने वाला छात्र सालभर पहले नीट की तैयारी के लिए कोटा पहुंचा था और जवाहर नगर इलाके में किराए के मकान में रह रहा था, जहां गुरुवार को उसने आत्महत्या कर ली. कोटा में इस साल यह किसी छात्र की आत्महत्या की 13वीं घटना है.
कोटा जिले में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे झारखंड के 17 वर्षीय छात्र ने अपने कमरे में पंखा से फांसी लगा ली. पुलिस के अनुसार, यह इस साल छात्र आत्महत्या की 12वीं घटना है.
कोटा में राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहा एक छात्र अपने पीजी के कमरे में मृत पाया गया है. पुलिस ने बताया है कि कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है, 'मुझे माफ कर दो पापा. 'मैं इस साल भी नहीं कर पाया'. कोटा में इस साल अब तक नौ कोचिंग छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है.
राजस्थान के कोटा ज़िले में रविवार को हरियाणा के रोहतक का रहने वाले 19 वर्षीय नीट अभ्यर्थी ने अपने पीजी कमरे में कथित तौर पर फांसी लगा ली. इसके एक दिन पहले 20 वर्षीय एक अन्य छात्र अपने पीजी में मृत पाया गया था. इस साल कोटा में आत्महत्या के ऐसे मामलों की संख्या आठ तक पहुंच गई है.
कोटा में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के रहने वाले 20 वर्षीय मोहम्मद उरूज़ का शव उनके किराए के अपार्टमेंट में मिला. पिछले साल ज़िले में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
मूल रूप से बिहार के भागलपुर का रहने वाले 16 वर्षीय छात्र कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था. गुरुवार रात छात्र ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया. पुलिस का कहना है कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें ‘पापा, मुझसे जेईई नहीं हो पाएगा, सॉरी, आई क्विट' लिखा हुआ था.
कोटा पुलिस के अनुसार, छात्रा निहारिका सोलंकी अपने माता-पिता के साथ रह रही थी और 31 जनवरी को होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रही थी. उसने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह अंतिम उपाय के रूप में यह क़दम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई नहीं कर सकती.
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राजस्थान के कोटा शहर में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को जवाबदेह ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के कारण आत्महत्याएं नहीं हो रही हैं. आत्महत्याएं होती हैं, क्योंकि माता-पिता बच्चों से अधिक अपेक्षाएं रखते हैं, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाते.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जांच समिति 15 दिन में आत्महत्या से संबंधी मामलों पर रिपोर्ट सौंपेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए, इससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.