हाईकोर्ट ने यह आदेश नाबालिग बलात्कार पीड़िता और उनके माता-पिता की उस याचिका पर दिया है, जिसमें उन्होंने गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने के लिए अस्पताल को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा कि एक गर्भवती की गर्भावस्था जारी रखने या समाप्त करने का चयन करने की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती.