नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिज़ोरम आ रहे हैं. मिज़ोरम पहले से ही म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दे रहा है.