केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को रद्द करने की घोषणा की है. एफएमआर वर्तमान में सीमा के आसपास के निवासियों को औपचारिक दस्तावेज़ के बिना एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देता है.
मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित ज़िलों में से एक है. शनिवार दोपहर वहां तब हिंसा भड़क उठी, जब सशस्त्र उपद्रवियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.
म्यांमार सीमा से लगे मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में आदिवासी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है. कई आदिवासी संगठनों ने दावा किया कि शहर में इंफाल घाटी से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात करने के प्रयास चल रहे हैं, इससे शांति भंग हो सकती है. उनके अनुसार, अतिरिक्त मेइतेई पुलिस की तैनाती गंभीर चिंता का विषय है.