बिहार के ‘कुर्सी कुमार’ ने भाजपा से हाथ मिलाकर अपने लिए गड्ढा खोद लिया है

नीतीश ने विपक्ष का राष्ट्रीय नेता होने के कठिन रास्ते पर चलने के बजाय मौकापरस्त ढंग से मुख्यमंत्री बन ख़ुद को इतिहास के कूड़ेदान में जाने के लिए अभिशप्त बना लिया.