एक्सक्लूसिव: एक आरटीआई आवेदन के जवाब में द वायर को प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में इस समय 35,117 सक्रिय बंदूक लाइसेंस हैं. यह संख्या दिसंबर 2016 में 26,836 थी.
भारतीय सेना ने प्रतिबंधित मेईतेई विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप के 12 कैडरों को शनिवार दोपहर मणिपुर के इंफाल पूर्वी ज़िले के एक गांव में पकड़ा था. इनमें स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था, जो 2015 में 6 डोगरा रेजिमेंट के क़ाफ़िले पर घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 18 जवानों की मौत हो गई थी,
मणिपुर हिंसा के दौरान पुलिस शस्त्रागारों से हथियार लूटने के मामले में दर्ज विभिन्न एफ़आईआर के द वायर द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि एके 47 और इंसास राइफल, बम एवं अन्य आधुनिक हथियार लूटे गए. उपद्रवी बुलेटप्रूफ जैकेट भी ले गए और पुलिस थानों में आग तक लगा दी.
मणिपुर में बीते महीने शुरू हुई हिंसा के दौरान थानों और सरकारी शस्त्रागारों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद लूटे जाने की घटनाएं देखी गई थीं. अब भाजपा विधायक एल. सुसिंद्रो ने इंफाल में अपने घर के बाहर एक 'ड्रॉप बॉक्स' रखते हुए नागरिकों से इन हथियारों को लौटाने की अपील की है.