अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और मानव विकास संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि देश के कुल बेरोज़गार युवाओं में पढ़े-लिखे बेरोज़गारों की संख्या साल 2000 के मुक़ाबले दोगुनी हो चुकी है. तब पढ़े-लिखे युवा बेरोज़गार कुल युवा बेरोज़गारों का 35.2 प्रतिशत थे, जो साल 2022 में बढ़कर 65.7% हो गए.
मनरेगा के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के दौरान 24 दिसंबर तक मनरेगा के तहत कुल 238.62 करोड़ व्यक्ति-दिवस थे, जिनमें महिला दिवसों का आंकड़ा 59.25 फीसदी था, जो पिछले 10 वित्तीय वर्षों में सबसे अधिक है. पिछले 10 वित्तीय वर्षों में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी का सबसे कम प्रतिशत 2020-21 (53.19%) में दर्ज किया गया था.