इसी तरह राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में भी सामाजिक बहिष्कार का एक मामला सामने आया है. नोएडा में घर की रखवाली का काम करने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद कोई भी मदद के लिए आगे नहीं. पश्चिम बंगाल के इस परिवार ने पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.
मामला गुजरात के भरूच ज़िले का है. दो कोरोना संक्रमित मरीज़ों के शव का दाह संस्कार करने के दौरान दो शवदाहगृहों के पास रहने वाले लोगों ने विरोध किया. लोगों का कहना था कि धुएं से संक्रमण फैलने का ख़तरा है.
परंपरा के अनुसार अपने समाज से बाहर शादी करने वाली पारसी महिला अपनी धार्मिक पहचान खो देती है.