देश के 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि देश में नफ़रत से भरी तबाही का उन्माद सिर्फ अल्पसंख्यकों को ही नहीं बल्कि संविधान को भी निशाना बना रहा है.
इस पत्र में कहा गया कि साइबर हमलों और भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में साक्ष्यों को प्लांट करने के संबंध में खुलासे को देखते हुए गिरफ़्तार किए गए इन कार्यकर्ताओं को कम से कम ज़मानत दी जानी चाहिए. एल्गार परिषद मामले में अब तक 16 कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इनमें से एक फादर स्टेन स्वामी की कोरोना की वजह से हिरासत में ही मौत हो गई थी.
बेंगलुरु और अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम ) के छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे विभाजनकारी ताक़तों को दूर रखते हुए देश को आगे ले जाने का आग्रह किया है. एक सदस्य ने कहा कि पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों का उद्देश्य इस बात को रेखांकित करना है कि अगर नफ़रत को बढ़ावा देने वालों की आवाज़ें तेज़ हैं, तो तार्किक आवाज़ें भी तेज़ होनी चाहिए.
महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के छह छात्रों को बिना अनुमति सामूहिक धरने के आयोजन कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था.
मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की निंदा करने वाले साहित्य और कला क्षेत्र की 180 से अधिक हस्तियों में अभिनेता नसीरूद्दीन शाह भी शामिल थे.
महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने कहा कि छात्रों ने सामूहिक धरने का आयोजन करके 2019 विधानसभा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया.
बिहार पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप शरारतपूर्ण हैं और उनमें कोई ठोस आधार नहीं है. इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाने वाले स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा पर कार्रवाई की जाएगी.
देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले विभिन्न क्षेत्रों की 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह, शांति भंग और उपद्रव के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
बिहार के वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुज़फ़्फ़रपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद यह एफआईआर दर्ज हुई है.