वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर कम आवाज़ में बजाए जाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. योगी आदित्यनाथ के आदेश को उनके राजनीतिक करिअर के अगला क़दम माना जा रहा है, जो कि दिल्ली है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के निवासी इरफ़ान द्वारा दायर एक याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में ज़िला प्रशासन के दिसंबर 2021 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत मस्जिद में अज़ान के समय लाउडस्पीकर का उपयोग करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.
ईद मुबारक के जवाब में अक्षय तृतीया या परशुराम जयंती की बधाई देना कैलेंडरवादी धार्मिकता का प्रतीक है. हम हर जगह अपना क़ब्ज़ा चाहते हैं. ध्वनिभूमि पर, ध्वनि तरंगों पर भी, दूसरों के उपासना स्थलों पर और समाज के मनोलोक पर.
अपने ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि जब तक मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर शांत नहीं होते, उनके पार्टी कार्यकर्ता भी तेज़ आवाज़ में हनुमान चालीसा बजाना जारी रखेंगे. वहीं महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की समयसीमा को लेकर मनसे प्रमुख को संदेश देते हुए कहा कि राज्य अल्टीमेटम से नहीं चलता, यहां कानून का शासन है.
वीडियो: हनुमान चालीसा और अज़ान को लेकर चल रहे विवाद पर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कह दिया है कि हनुमानजी जाट जाति से हैं और साथ ही कहा कि आप उनके बारे में क्या बात करेंगे, हम उनके बच्चे हैं. उनसे बड़ा कोई नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
यह घटना नोएडा के ऑक्सफोर्ड स्क्वॉयर सुपरटेक इन्क्लेव-3 सोसायटी में 10 अप्रैल रामनवमी के अवसर पर हुई. सोसाइटी के कुछ लोगों ने जगराते का आयोजन किया था. देर रात तक लाउडस्पीकर से भक्ति गीत बजाए जा रहे थे. आरोप है कि पत्रकार ने वहां पहुंचकर इसका विरोध किया तो भीड़ ने उन्हें ‘राष्ट्रविरोधी’ और ‘पाकिस्तानी’ और उनकी पत्नी से भी अभद्रता की.
कर्नाटक में हिजाब और ‘हलाल’ मांस विरोधी अभियान के बाद बजरंग दल और श्रीराम सेना के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी संगठनों ने अब मस्ज़िदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. श्रीराम सेना के संयोजक प्रमोद मुतालिक ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाए और ध्वनि प्रदूषण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए.
रतलाम ज़िले के रावटी का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख़्स लाउडस्पीकर से अज़ान पर आपत्ति जताते हुए कहते दिखता है कि उन्होंने मस्जिद के सामने वाली इमारत पर लाउडस्पीकर लगा दिए हैं और जब जब अज़ान बजेगी, लाउडस्पीकर से तेज़ संगीत बजाया जाएगा.