अगर विश्वविद्यालय सार्वजनिक तौर पर विचारों की अभिव्यक्ति रोके तो वह अपने उद्देश्य से विमुख है

सार्वजनिक हित और सत्ता में हमेशा तनाव रहता है. बल्कि कई बार सत्ता अपने हित को ही सार्वजनिक हित मानने के लिए बाध्य करती है. जनता को इस द्वंद्व के प्रति सजग रखना ज्ञान के क्षेत्र में काम करने वालों का काम है. उनका सार्वजनिक बोलना या लिखना उनके लिए नहीं जनता के हित के लिए ज़रूरी है.

पंजाब: निजी विश्वविद्यालय के छात्र ने ख़ुदकुशी की, केरल के प्रोफेसर पर उकसाने का केस दर्ज

पुलिस के अनुसार, केरल के रहने वाले मृतक छात्र चार साल से एनआईटी (कालीकट) में पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन वहां के एक प्रोफेसर द्वारा कथित तौर पर उनके प्रति द्वेषपूर्ण बर्ताव के चलते उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया गया था. इसके बाद छात्र ने पंजाब के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में दाख़िला लिया था.

पंजाब: राम के बारे में ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पर सहायक प्रोफेसर बर्ख़ास्त

फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने एक सहायक प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर को भगवान राम के बारे में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बर्ख़ास्त कर दिया है. सोशल मीडिया पर उक्त शिक्षिका की रामायण का ज़िक्र करते हुए एक टिप्पणी का कथित वीडियो सामने आया था.