न्यूज़क्लिक केस: क़ानून विशेषज्ञों ने यूएपीए के तहत आरोपों को अनुचित बताया

बीते 3 अक्टूबर को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार लिया था. उन पर गैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं, लेकिन क़ानून के जानकारों का कहना है कि उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है, यूएपीए का मामला तो बिल्कुल भी नहीं.

पेगासस जासूसी: पश्चिम बंगाल की ओर से गठित आयोग की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की समानांतर जांच पर नाखुशी व्यक्त की, क्योंकि शीर्ष अदालत द्वारा एक स्वतंत्र जांच पैनल का गठन किया गया है. पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.

पूर्व जजों ने कहा- यूएपीए और राजद्रोह क़ानून को जल्द से जल्द ख़त्म करने की ज़रूरत

सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीशों ने कहा है कि आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत एक उदाहरण है कि देश में आतंकवाद रोधी क़ानून का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है. यूएपीए की असंवैधानिक व्याख्या संविधान के तहत दिए गए जीवन के मौलिक अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और त्वरित सुनवाई के अधिकार को ख़त्म करता है.

पाकिस्तानी जज के शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगे जस्टिस लोकुर, कहा- न्याय किसी सरहद को नहीं जानता

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर 18 जनवरी को पाकिस्तान के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खान खोसा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.

जल्द न्याय पाना मौलिक अधिकार भले न हो, पर मानवाधिकार है: सुप्रीम कोर्ट जज

जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, याचिकाकर्ता को कुछ मामलों में न्याय पाने के लिए दशकों इंतज़ार करना पड़ता है. यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए अच्छा प्रतीत नहीं होता है.