तर्कवादी और सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दो लोगों को उम्रक़ैद की सजा सुनाई है. वहीं, तीन अन्य आरोपियों को बरी करते हुए इसका ज़िम्मेदार जांच एजेंसियों को ठहराया है.
भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विभाग अर्थात डीआरडीओ के निदेशक स्तर के वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रदीप कुरुलकर की पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में हुई गिरफ़्तारी को लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों को क्यों सांप सूंघ गया है?
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के तहत आता है. संघ से जुड़ा शख़्स संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा था, लेकिन मीडिया से ख़बर ग़ायब है. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और ख़बर ही नहीं चलाता.
पच्चीस साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे यशवंत शिंदे ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष दायर एक हलफ़नामे में दावा किया है कि 2006 नांदेड़ धमाके से तीन साल पहले विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें आतंकी प्रशिक्षण शिविर के बारे में बताया था, जो 'देशभर में बम धमाके करने के इरादे से चलाया गया था.'
भाजपा के लोग चाहे जो दिखावा करें, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर भारत के लिए शर्मिंदगी का सबब हैं. वे संसद और इसकी सलाहकार समिति के लिए शर्मिंदगी की वजह हैं. और निश्चित तौर पर वे अपने राजनीतिक आकाओं के लिए भी शर्मिंदगी का कारण हैं. लेकिन शायद उन्हें इस शब्द का मतलब नहीं पता.
वीडियो: 2008 के मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है. 21 सदस्यों वाली समिति की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. वर्तमान में प्रज्ञा सिंह स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं. आतंक के आरोपों की अभियुक्त प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की समिति के क्या मायने हैं, बता रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस बयान के लिए वे प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कभी भी मन से माफ नहीं कर पाएंगे.
साल 2012 में पांच लोगों को लश्कर-ए-तैयबा आतंकी होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. सात साल बाद इस हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा होने वाले उनमें से एक मोहम्मद इरफान गौस ने दावा किया है कि वह निर्दोष थे.
साल 2008 में मालेगांव बम धमाके के बाद घटनास्थल से दो बाइक और पांच साइकलों को जब्त किया गया था. आरोप है कि बम में आईईडी से विस्फोट किया गया था और इसे सुनहरे रंग की एलएमएल फ्रीडम बाइक में रखा गया था, जो ठाकुर के नाम पर पंजीकृत है.
प्रज्ञा ठाकुर, अगर आप जीते-जी उनका सम्मान नहीं कर पाईं, तो कम से कम शहादत के बाद तो उनका अपमान न करें.
पीठ नौ लोगों को दोषमुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रही है.