निर्भया कोष के तहत मुंबई पुलिस द्वारा ख़रीदे गए वाहनों का इस्तेमाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को ‘वाई-प्लस एस्कॉर्ट सुरक्षा’ प्रदान करने के लिए किए जाने का मामला सामने आया है. विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है.
बीते 15 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने साईबाबा और पांच अन्य- महेश तिर्की, पांडु नरोटे, हेम मिश्रा, प्रशांत राही और विजय एन. तिर्की को कथित माओवादी संबंध मामले में आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निलंबित कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शनिवार को कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले की विस्तारपूर्वक समीक्षा की ज़रूरत है, क्योंकि अदालत ने दोषियों के ख़िलाफ़ लगे आरोप की गंभीरता समेत मामले के गुण-दोष पर ग़ौर नहीं किया. कोर्ट ने साईबाबा का उन्हें जेल से रिहा कर घर में नज़रबंद करने का अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जीएन साईबाबा को माओवादियों से कथित संबंध से जुड़े मामले में बरी करते हुए कहा कि उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के सख़्त प्रावधानों के तहत मुक़दमा चलाने का मंज़ूरी आदेश क़ानून की दृष्टि से ग़लत और अमान्य था. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शहरी विकास और 11 अन्य विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा क़ानून व न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा और प्रोटोकॉल विभाग दिए गए हैं.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वह 3 मई तक मस्जिदों के बाहर अज़ान बजाने के लिए लगे लाउडस्पीकर हटा ले, वरना वे लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे. इसके जवाब में नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने निर्देश जारी किए थे कि मस्जिद के 100 मीटर के दायरे के भीतर किसी को भी लाउडस्पीकर पर भजन या गाने बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ़्तार किया है. राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया गया है. एनसीपी और शिवसेना ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा की गई 'प्रतिशोध की कार्रवाई' बताया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ़्तार किया है. वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में गृह मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
दिसंबर 2019 में मुंबई के तीन श्रमिकों की सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मौत के बाद उनकी पत्नियों ने अदालत से मुआवज़े और पुनर्वास की मांग की थी. बीते 17 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को चार हफ्ते के भीतर ऐसा करने के निर्देश दिए हैं. यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में संभवतः यह पहली बार है जब निजी ठेके पर काम काम करते समय हुई मृत्यु के मुआवज़े के मामले में सरकार को ज़िम्मेदार
मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है. महाराष्ट्र सरकार ने महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 14 अप्रैल रात आठ बजे से 15 दिनों के राज्यव्यापी प्रतिबंधों की घोषणा की है. सरकार ने फिल्म और टीवी शूटिंग पर रोक लगा दी है.
मुंबई की सामाजिक कार्यकर्ता हर्षाली पोतदार का नाम एल्गार परिषद मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर दर्ज है. उन्होंने बताया कि सोमवार को उन्हें कथित तौर पर एक फेसबुक पोस्ट साझा करने के आरोप में पुलिस ने ग़ैर क़ानूनी तरीके से हिरासत में लिया था.
हाल ही में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट एवं ज़िला न्यायालयों को निर्देश दिया कि वे बेल देने पर जोर दें, न कि जेल भेजने में. सवाल ये है कि क्या ख़ुद शीर्ष अदालत हर एक नागरिक पर ये सिद्धांत लागू करता है या फिर रसूख वाले और सत्ता के क़रीबी लोगों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे ने कहा कि आलोचना के लिए न्यायपालिका को तैयार होना चाहिए, क्योंकि अवमानना की सुनवाइयों में कीमती न्यायिक समय बर्बाद होता है और ज़रूरी मुद्दे नहीं सुने जाते.
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में हुए एक इंटीरियर डिज़ाइनर और उनकी मां की आत्महत्या से जुड़े मामले में अलीबाग पुलिस ने बीते नवंबर माह में गिरफ़्तार किया था. इस मामले में अब पुलिस ने 1,914 पेजों की चार्जशीट दाख़िल की है.