महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के कुंभरी गांव का मामला. एक व्यक्ति को चोर होने के संदेह में पकड़कर कथित तौर पर पेड़ से उल्टा बांधकर लाठी-डंडों से उसकी पिटाई की गई थी.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के बाद महाराष्ट्र और फिर कर्नाटक में विदेशियों के ख़िलाफ़ सबसे अधिक अपराध दर्ज किए गए. इस सूची में तमिलनाडु चौथे और गोवा पांचवें स्थान पर रहा.
2018 में भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोगों पर हिंसक भीड़ के हमले के एक दिन बाद एक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कर हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े पर इस हमले के साज़िशकर्ता होने का आरोप लगाया था. घटना के क़रीब तीन साल बाद उन्हें इस मामले की सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं दिखती.
कच्छ ज़िले के एक कार्यकर्ता और वकील देवजी माहेश्वरी की बीते शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार ब्राह्मणवाद की आलोचना पर उनकी फेसबुक पोस्ट के कारण आरोपी ने उन्हें कई बार धमकाया था. मामले में नौ लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें से पांच को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
बीते 21 सितंबर को महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भिवंडी इलाके में एक तीन मंज़िला इमारत ढह गई थी. मृतकों में दो से पंद्रह साल के 18 बच्चे भी शामिल हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित निकायों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है.
महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भिवंडी स्थित पटेल कम्पाउंड क्षेत्र में सोमवार तड़के हुआ हादसा. तक़रीबन 40 साल पुरानी इमारत में लगभग 20 परिवार रह रहे थे.
मामला जालना ज़िले का है. परिजनों का दावा है कि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद के कारण 4 सितंबर को दो भाइयों, 22 वर्षीय राहुल बोराडे और 25 वर्षीय प्रदीप बोराडे की अनुसूचित जनजाति के पचास से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
कंगना रनौत के उकसावे वाले बयानों पर शिवसेना की प्रतिक्रिया उनकी ग़लत प्राथमिकताओं को दिखाती है.
मीडिया के पास कुछ हद तक जनमत निर्माण की ताक़त हमेशा से थी, मगर उसकी एक सीमा थी, उनके द्वारा उठाए मुद्दे में कुछ दम होना ज़रूरी होता था. आज हाल यह है कि मीडिया में भारत-चीन सीमा विवाद से ज़्यादा तवज्जो कंगना रनौत विवाद को दी जा रही है.
मध्यकालीन यूरोप में स्त्रियों को जादूगरनी बताकर ‘विच ट्रायल’ हुआ करते थे, जिनके बाद पचासों हज़ार स्त्रियों को खंभे से बांधकर जीवित जला दिया गया था. उस समय यंत्रणा देकर सभी स्त्रियों से अपराध स्वीकृति करवा ली जाती थी. रिया का भी ‘मीडिया ट्रायल’ नहीं हुआ है, ‘विच ट्रायल’ हुआ है.
केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल मरीज़ों में से 74 प्रतिशत मरीज़ कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित नौ राज्यों में हैं, जबकि अब तक हुईं कुल मौतों में से 69 प्रतिशत मौतें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में हुई हैं.
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और आठ सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि कई समाचार चैनल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में समानांतर जांच (मीडिया ट्रायल) चला रहे हैं और ख़बरों के ज़रिये मुंबई पुलिस के ख़िलाफ़ द्वेषपूर्ण अभियान चला रहे हैं.
सत्र अदालत में दायर ज़मानत याचिका में रिया ने कहा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया और उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि रिया से एनसीबी पूछताछ के दौरान वहां कोई महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी.
मराठा समुदाय को शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया. हालांकि जिन लोगों को इसका लाभ मिल गया है उनकी स्थिति में कोई बदलाव नही होगा. अब इस मामले की सुनवाई बड़ी पीठ करेगी.
पुणे की तुलना में सोमवार तक दिल्ली में संक्रमण के कुल मामले 193,526, जबकि मुंबई में 157,410 थे. गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छोड़कर पुणे में कोरोना के मामले कई राज्यों से अधिक हैं.