बीएमसी ने कहा है कि इनमें से 5.34 लाख लोगों की पहचान उच्च जोख़िम वाले संपर्क के रूप में की गई है. साथ ही यह भी बताया गया कि अब तक कुल 13.28 लाख लोग 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके हैं.
मई महीने में एक कोरोना संक्रमित महिला की नानावती अस्पताल में 13 दिनों तक भर्ती रहने के बाद मौत हो गई थी. इसके बिल को लेकर महिला के परिजनों की शिकायत के बाद बीएमसी ने अस्पताल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई है.
मामला ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके कालसेकर अस्पताल का है. आरोप है कि 70 वर्षीय कोरोना मरीज़ को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था. ठाणे के महापौर ने अस्पताल के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने आदेश दिया है.
तेलंगाना की तरह कोरोना के इलाज के संबंध में कर्नाटक ने केंद्र से 1,300 वेंटिलेटर मांगे थे, लेकिन सरकार का कहना है कि उन्हें अब तक सिर्फ़ 90 वेंटिलेटर दिए गए हैं.
बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता मोहित कंबोज ने कथित तौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया, उसके अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी और जालसाज़ी की. भारतीय जनता युवा मोर्चा की मुंबई इकाई के महासचिव कंबोज साल 2014 में दिंडोशी विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे.
महाराष्ट्र की जेलों में अब तक 269 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जेल विभाग का कहना है कि जिन क़ैदियों में कोरोना के लक्षण दिखे, सिर्फ उन्हीं का टेस्ट किया गया. हालांकि यह आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है, जो संक्रमित के संपर्क में आने वालों और बिना लक्षणों वाले लोगों के भी अनिवार्य टेस्ट की बात कहता है.
महाराष्ट्र में कोरोना से 4,128 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें मुंबई में 2,250 लोगों लोगों ने जान गंवाई है. आईसीएमआर के पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों का राज्य सरकार के आंकड़ों से मिलान करने पर सामने आया कि कोविड से हुई कुछ मौतों का रिकॉर्ड दर्ज ही नहीं हुआ है.
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लगातार घर-घर जाकर सर्वे करने वाली आशा कार्यकर्ता पर्याप्त सुरक्षा उपकरण न मिलने के चलते अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. एक कार्यकर्ता ने बताया कि उन्हें दो महीने पहले एक-एक पीपीई किट दी गई थी, जिसे वे धोकर दोबारा इस्तेमाल कर रही हैं.
भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. अब तक कोविड-19 की जांच कराने पर 4,500 रुपये लगते थे.
केंद्र सरकार ने जिन पांच राज्यों को चेताया है, उनमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश शामिल है. अनुमान है कि यहां जून से अगस्त के बीच आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी पड़ सकती है.
मामला जलगांव के सरकारी अस्पताल का है, जहां कोविड संक्रमित एक 82 वर्षीय महिला को एक जून को भर्ती कराया गया था और वे दो जून से लापता हो गई थीं. अन्य मरीज़ों के शौचालय में बदबू की शिकायत करने के बाद वहां महिला का शव पाया गया. घटना के बाद अस्पताल के डीन सहित पांच अधिकारियों को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को देखते हुए मुंबई के डब्बावालों ने 19 मार्च को अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं. सरकार अब मुंबई में कार्यालयों और कारोबार को खोलने की अनुमति दे रही है, लेकिन डब्बावाले अपनी सेवा के साथ कब लौटेंगे, इसको लेकर अनिश्चितता है.
बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.
पालघर के पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि आदिवासी पिछले दो दिनों से ज़िले के मोखदा, वसई, दहानू में तहसील कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे रोज़गार गारंटी योजना के तहत काम देने की भी मांग कर रहे थे.
25 मई से आठ जून तक प्रभावी मुंबई पुलिस आदेश में कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों और उनके कार्यों के प्रति अविश्वास के लिए उकसाने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित किया गया है, जिससे मानव स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा होता है या सार्वजनिक शांति भंग होती है.